रेलवे यार्ड पर मालगाड़ी के दो वैगन पटरी से उतरे, ट्रेनों के देरी से पहुंचने पर यात्री हुए परेशान
70 से अधिक कर्मचारियों ने संभाला मोर्चा, देर रात तक चला सुधार कार्य
70 से अधिक कर्मचारियों ने संभाला मोर्चा, देर रात तक चला सुधार कार्य
शहडोल. रेलवे यार्ड में पोंडा नाला के समीप रविवार को गिट्टी से लोड मालगाड़ी के पहिए पटरी से उतर गए, इस हादसे में अप व थर्ड लाइन प्रभावित होने से कई यात्रियों ट्रेनों को शहडोल पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया। वहीं त्योहार होने के कारण यात्रियोंं की भीड़ रले स्टेशन में बनी रही, निर्धारित समय पर ट्रेन नहीं आने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। रेलवे कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार नौरोजाबाद से गिट्टी लोड कर मालगाड़ी दोपहर दो बजे शहडोल पहुंची थी, मालगाड़ी को यार्ड से लाइन नंबर एक में लाने सिग्नल दिया गया था, सिग्नल मिलने के बाद मालगाड़ी यार्ड से निकली और बीच में दो बैगन पटरी से उतर गए। पहिए भी अलग हो गए। इस दौरान अप, डाउन एवं थर्ड लाइन पूरी तरह प्रभावित हो गई और यात्री ट्रेनों का आवागमन बंद हो गया। देर शाम तक रेलवे ने डाउन लाइन को दुरुस्त कर कुछ ट्रेनों को निकालना शुरू कर दिया था। वहीं अप लाइन अधिक क्षतिग्रस्त होने से कटनी से मशीन मंगाई थी। देर रात तक सुधार कार्य जारी रहा, इस दौरान एक-एक कर ट्रेनों को निकाला गया।
यह ट्रेनें हुईं प्रभावित
मालगाड़ी के पहिए पटरी से उतरने पर बिलासपुर- इंदौर नर्मदा एक्सप्रेस को बुढ़ार में रोक दिया गया था। बताया गया कि दोहपर 3.30 बजे शहडोल पहुंचने वाली नर्मदा रात करीब 8 तक बुढ़ार में ही खड़ी रही। इसी तरह शहडोल से अम्बिकापुर जाने वाली ट्रेन दोपहर 2.30 बजे की जगह शाम 5.05 बजे शहडोल से रवाना हुई। जबलपुर- अंबिकापुर जिसका शहडोल पहुुंचने का समय शाम 5.25 था, इस ट्रेन को बंधवाबाडा के बाद आउटर में खड़ा कर दिया गया था। जिससे यात्रियों को परेशान होना पड़ा। कटनी- बिलासपुर जिसके आने का समय शाम 5 बजे था जो शाम 6.30 बजे तक शहडोल नहींं पहुंची थी। बताया गया कि इस ट्रेन को घुनघुटी स्टेशन में रोका गया था। विशाखापटनम सप्ताहिक ट्रेन को शहडोल पहुंचने से पहले ही घुनघुटी के आसपास रोक दिया गया था। जो लगभग 5 घंटे प्रभावित हुई। कटनी- चिरमिरी मेमू लगभग 1 घंटे लेट हुई। वहीं उत्कल एक्प्रेस भी अपने निर्धारित समय से करीब दो घंटे लेट चल रही थी।
सेंटरिंग का चल रहा था कार्य
रेलवे कर्मचारियों ने बताया कि रेल लाइन में सेंटरिंग का कार्य चल रहा था, इस दौरान मालगाड़ी गिट्टी लेकर पहुंची थी, लाइन नंबर 1 में आने के लिए यार्ड से निकलने के दौरान बीच के दो वैगन पटरी से उतर गए। हादसे की जानकारी लगते स्थानीय रेलवे प्रबंधन ने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए सुधार कार्य शुरू कर दिया। दोपहर दो बजे से शुरू सुधार कार्य शुरू हुआ और शाम करीब 7 बजे तक चलता रहा। इस दौरान बिलासपुर कटनी के बीच अप एंड डाउन में आने वाली ट्रेनों को शहडोल से पहले ही रोक दिया गया था।
एआरटी व जेसीबी की मदद से वैगन को हटाया
हादसे के बाद रेलवे के सभी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने मोर्चा संभाल लिया। एआरटी(एक्सीडेंटल रिलीफ टे्रन) व जेसीबी सहित अन्य मशीनों की सहायता व लगभग 70 कर्मचारियों की मदद से सुधार कार्य किया जा रहा था। शाम 7 बजे तक कर्मचारी सुधार कार्य में जुटे रहे, इस दौरान अनूपपुर की ओर जाने वाली कुछ टे्रनों को निकाला भी गया। स्थानीय अधिकारियों की माने तो रात 12 बजे तक सभी लाइन को दुरुस्त कर लिया गया था। कटनी से लुकास मशीन को भी मंगाया गया था।
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