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शाहडोल

समिति स्तर में 620751 क्विंटल धान की खरीदी, परिवहन सिर्फ 177946 क्विंटल

तीन दिन की मोहलत के बाद भी शत प्रतिशत नहीं हो पाया धान का परिवहन

शाहडोलJan 03, 2025 / 11:55 am

Kamlesh Rajak

तीन दिन की मोहलत के बाद भी शत प्रतिशत नहीं हो पाया धान का परिवहन
शहडोल. जिले में धान परिवहन की धीमी रफ्तार से उपार्जन केन्द्र प्रभारियों के साथ ही अब किसानों की परेशानी भी बढ़ गई है। उपार्जन केन्द्रों से धान का उठाव न होने के कारण अब समिति स्तर के केन्द्रों में जगह की उपलब्धता कम पडऩे लगी है। बारिश के बाद तीन दिनों के लिए उपार्जन का कार्य बंद किया गया था, तकि धान का उठाव हो सके, लेकिन एनसीसीएफ की लापरवाही के कारण तीन दिन में सिर्फ 80 हजार क्विंटल धान का परिवहन ही हो पाया है। जबकि समितियों में 510277 क्विंटल धान अभी भी खुले आसमान के नीचे रखा हुआ। वहीं कुछ समितियों में अभी उठाव कार्य शुरू भी नहीं किया गया है। इसके साथ ही अब बारदाने की समस्या भी शुरू हो गई है।
पपोड़ के तीनों केन्द्र से नहीं हुआ उठाव
जिले के 3 समितियों से अभी तक धान का उठाव शुरू नहीं हुआ है। इसमें सहकारी समिति पपोड़ (तिखवा) केन्द्र क्रमांक-1 में 17975.40 क्विंटल धान की खरीदी की गई है, 10484.80 क्विंटल परिवहन के लिए तैयार है। अब तक परिवहन शुरू नहीं हुआ। इसी प्रकार पपोड़ (तिखवा) केन्द्र क्रमांक-2 में 11440.75 क्विंटल धान खरीदी की गई है। परिवहन के लिए भी धान तैयार है पर अभी तक उठाव नहीं हुआ। केन्द्र क्रमांक-3 में 6091.20 क्विंटल की खरीदी हुई है, परिवहन के लिए 2161.60 क्विंटल धान तैयार है लेकिन उठाव शून्य है।
केंद्रों में बारदाने की भी बनी समस्या
उपार्जन केन्द्रों में गुरुवार से बारदाने की समस्या शुरू हो गई है। कई केन्द्रों में बारदाना नहीं होने से किसानों से धान की खरीदी भी नहीं की जा सकी। केन्द्र प्रभारियों की माने तो उनकी तरफ से बारदाने का डिमांड भेजा एक सप्ताह पहले ही भेज दिया गया था, लेकिन अभी तक केन्द्रों तक नहीं पहुंचाया गया।
अधिकारी ने निरीक्षण कर दी थी चेतावनी
बारिश के बाद भोपाल से धान खरीदी केन्द्र का निरीक्षण करने अधिकारी अर्पणा सिंह शहडोल पहुंची थी, यहां उन्होंने धान को सुखाकर ही परिवहन करने निर्देशित किया था, उन्होंने कहा था कि भीगी धान का परिवहन करते पाए जाने पर केन्द्र प्रभारियों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
छोटे वाहनों से हो रहा उठाव
जिले में 54 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हंै, इसमें 30 केन्द्र समिति स्तर के हैं। शासन स्तर से समितियों में खरीदी गई धान को परिवहन करना अनिवार्य किया गया है। परिवहन की धीमी रफ्तार को देखते हुए तीन दिन 30 दिसम्बर से 1 जनवरी तक उपार्जन कार्य बंद किया था, जिससे खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव किया जा सके और किसानों को सुविधा मिल सके। परिवहन के लिए एनसीसीएफ ने 2 परिवहनकर्ताओं से अनुबंध किया है, वहीं 5 समितियों को भी परिवहन के लिए निर्देशित किया गया है। परिवहनकर्ता व समितियों के माध्यम से कुल 70-75 वाहन ही लगाए गए हैं। इसमें भी अधिकांश छोटे वाहन हैं, जिससे परिवहन में समस्या हो रही है। वहीं छोटे वाहनों को आसपास के केन्द्रों से धान उठाव में लगाया गया है।
केस-1
जनकपुर उपार्जन केन्द्र में 26000 हजार क्विंटल धान की खरीदी, परिवहन सिर्फ 400 क्विंटल हुआ। बड़े वाहनों से धान का उठाव नहीं होने से समस्या हो रही है। वहीं बारदाना भी केन्द्र के पास नहीं है।
केस-2
ठेंगरहा उपार्जन केन्द्र में 22700 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। उठाव 7000 क्विंटल का किया गया है। लगभग 15000 क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। 40 हजार बारदानों की मांग की गई है।
जिले की फैक्ट फाइल
धान विक्रय करने वाले किसान 18420
कुल धान की खरीदी 1200991.11 क्विंटल
कुल परिवहन 177946 क्विंटल
गुरुवार की खरीदी 14402.79 क्विंटल
परिवहन की रफ्तार धीरे धीरे बढ़ रही है। 70-75 वाहनों को परिवहन के लिए परिवहनकर्ता एवं समितियों के माध्यम से लगाया है। बारिश में भीगे धान को सुखा कर परिवहन किया जा रहा है।
भागीरथी लहरे, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी

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