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सिवनी

किताब, युनिफार्म खरीदने प्राइवेट स्कूल नहीं कर सकते बाध्य

प्राइवेट स्कूल संचालकों को चेतावनी, मनमानी करने वालों पर होगी कार्रवाई

सिवनीApr 02, 2024 / 09:48 pm

sunil vanderwar

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सिवनी. जिले में 468 प्राइवेट स्कूल संचालित हैं। इन सभी स्कूलों में नए शिक्षण सत्र के लिए बच्चों के एडमीशन हो रहे हैं। इसी दौरान कहीं-कहीं स्कूल प्रबंधन पालकों को किताब, युनिफार्म, टाई, बेल्ट, जूते, मोजे जैसी सामग्री एक निश्चित दुकान से खरीदने के लिए बाध्य कर रहे हैं। ऐसी शिकायतें जिला शिक्षा अधिकारी एसएस कुमरे तक पहुंची, तो उन्होंने सख्त लहजे में स्कूल संचालक को फटकारा और सभी स्कूलों के लिए निर्देश जारी किए हैं।
डीईओ कुमरे ने कहा कि एक अपे्रल से नया शिक्षा सत्र प्रारम्भ हो गया है। कलेक्टर क्षितिज सिंघल ने प्राइर्वे स्कूल संचालकों एवं प्राचार्यों के लिए निर्देश दिए हैं। बताया कि मप्र प्राइवेट स्कूल अधिनियम 2017 के तहत प्रत्येक प्राइवेट स्कूल का एक बैंक खाता होगा, जिसे प्राइवेट स्कूल प्रबंधन फीस लेने के लिए उपयोग करेगा। स्कूल संचालक प्रवेश के समय छात्रों, पालकों अथवा अभिभावकों को फीस-पूर्ति के लिए बैंक खाते का विवरण फीस जमा करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी स्कूल के नोटिस बोर्ड एवं अधिकारिक वेब-साइट पर प्रदर्शित करना है। पालकों अथवा अभिभावकों से फीस का भुगतान ऑनलाइन प्रक्रिया अथवा ऑफ लाइन माध्यम से नकद या चैक से लिया जा सकेगा। जमा की गई राशि की रशीद भी पालकों को देनी होगी।
डीईओ के मुताबिक प्राइवेट स्कूल प्रबंधन को स्कूल में नोटिस बोर्ड पर या अधिकारिक वेव-साइट पर स्कूल प्रारंभ होने की तिथि एवं उपयोग में लाई जा रही किताबें, स्टेशनरी, पठन सामग्री, बैग, युनिफार्म, खेल सामग्री, वाहन सुविधा, फीस, अथवा सीधे या किसी अन्य माध्यम से एकत्रित की जा रही धनराशि की पूरी जानकारी दर्शाना होगा।
प्राइवेट स्कूल प्रबंधन को कहा गया है कि वे स्कूलों में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं या अभिभावकों को पुस्तकें, युनिफार्म, टाई, जूते, कॉपी आदि चिन्हित विक्रेताओं से खरीदने के लिए औपचारिक या अनौपचारिक किसी भी रूप से बाध्य नहीं कर सकते। छात्र, अभिभावक ये सामग्री खुले बाजार से खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं। विद्यार्थियों के लिए उपयोगी किताबों का निर्धारण ऐसे संबद्धता बोर्ड अथवा परीक्षा निकाय के नियमों के मुताबिक करें, जिससे कि वह जुड़ा हो।
कहा कि यदि प्राइवेट स्कूल प्रबंधन ने युनिफार्म में कोई परिवर्तन किया है,तो वह आगामी तीन शैक्षणिक सत्रों तक यथावत लागू रहेगा। तीन वर्ष की अवधि के बाद ही युनिफार्म में परिवर्तन किया जा सकेगा। स्कूल फीस में 10 प्रतिशत की राशि के अंदर वृद्धि की जाती है, तो सत्र प्रारम्भ होने के पूर्व नोटिस बोर्ड पर सूचना चस्पा करना होगा। 10 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि पर जिला स्तरीय समिति के निर्णय उपरांत ही किया जा सकेगा। विद्यार्थियों के स्कूल बैग का भार अधिक होता है, इसलिए स्कूल बैग पॉलिसी के नियमों का पालन अनिवार्य है। डीईओ ने कहा कि सभी प्राइवेट स्कूल संचालक, प्राचार्य नियमों, निर्देशों का पालन करें। लापरवाही पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई एवं दण्डात्मक कार्रवाई के लिए स्कूल प्रबंधन स्वयं जिम्मेदार होंगे।

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