बिजली कम्पनी ने तीन हजार ऐसे उपभोक्ताओं की सूची तैयार की है, जिनके बड़े-बड़े मकान और दुकानों में जितनी विद्युत खपत की संभावना है, उससे कम हो रही है। यानि इनके कनेक्शन में विद्युत चोरी की संभावना है। ऐसे सभी उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन की औचक जांच हो रही है। जिसमें बीते दो दिन में ही सिवनी संभाग के 15 विद्युत वितरण केन्द्र के 153 मकान व दुकानों पर विद्युत चोरी के केस बनाए गए हैं। इस कार्रवाई की खबर से दूसरे विद्युत उपभोक्ताओं में भी हडक़म्प मच गया है।
मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के सिवनी वृत अंतर्गत दो संभाग (सिवनी व लखनादौन) आते हैं। इनके अंतर्गत संचालित विद्युत वितरण केन्द्रों में संदिग्ध विद्युत उपभोक्ताओं के कनेक्शन की जांच का अभियान चल रहा है। सिवनी संभाग के अंतर्गत 1.85 लाख गैर कृषि उपभोक्ता हैंै। जिनके परिसर में पूर्व से ही मीटर लगो हुए हैं। वहां अब स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य जारी है। इसके लिए एक टेस्टिंग टीम गठित की गई है। जिसने अब तक 16 हजार स्मार्ट मीटर लगाए चुके हैं। 14 हजार मीटर वितरण केन्द्रों में भेजे गए हैं, जिनको लगाया जाना है। इस तरह जिले में घरेलू व व्यवसायिक उपयोग के दो लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए टेस्ट के बाद लगाए जाने हैं।
बड़े मकान-दुकानों में हो रही थी बिजली चोरी
विद्युत विभाग ने बिजली चोरी करने वाले संदिग्ध उपभोक्ताओं की सूची तैयार की है। जिसमें तीन हजार उपभोक्ता ऐसे हैं जहां लगातार खपत कम आ रही है। जबकि इन्होंने अधिक खपत का कनेक्शन ले रखा है। ऐसे उपभोक्ताओं के कनेक्शन की दो महीने से चेकिंग की जा रही है। जिनमें कई तरह की गड़बडिय़ां भी मिल रही हैं। उनके मीटर की अनियमितता के प्रकरण तैयार किए जा रहे हैं। इसी के तहत सिवनी संभाग में विगत दो दिवस में 153 प्रकरण बनाते हुए 22 लाख रुपए से ज्यादा की विद्युत चोरी पकड़ी गई है।
शहरी क्षेत्र में भी बिजली चोरी जारी
जिले के शहरी क्षेत्र में भी विद्युत चोरी के मामले सामने आ रहे हैं। जिसमें सिवनी, केवलारी, कान्हीवाड़ा, छुई, बरघाट, भोमा, बंडोल, कुरई, खवासा, अरी, गंगेरूआ, बादलपार, गोपालगंज, छपारा, लखनादौन व अन्य शहरी क्षेत्र में बड़े मकानों में मीटर लगाए गए थे। इनमें सर्विस लाइन व मीटर की जांच की गई है। जांच के दौरान पाया गया कि कई उपभोक्ताओं ने सर्विस लाइन छत से काटकर अलग से वायर लगाकर बिजली उपयोग करते पाए गए हैं। कई जगह मीटर के अंदर बोर्ड से लाइन को लूप किया गया था। इनकमिंग टर्मिनल से वायर निकाले गए थे। कई उपभोक्ता ने सर्विस लाइन से सीधे कनेक्शन डाल दिया था।
शातिर तरीके से कर रहे बिजली चोरी
एक उपभोक्ता के मकान में एक अलग से अर्थिंग बनाकर एमसीबी स्विच में लिया गया था, जिसके एक तरफ से न्यूट्रल को कट कर के दूसरे तरफ अर्थ लगा था। न्यूट्रल को कंट्रोल करते हुए अर्थ के माध्यम से बिजली का उपयोग करते हुए पाया गया। इसी तरह बरघाट शहरी क्षेत्र के काम्प्लेक्स की एक दुकान में स्मार्ट मीटर लगा होने के बाद भी बिजली चोरी करते पकड़ा गया है। इस उपभोक्ता ने दुकान में अवैध कटआउट लगाकर व्यवसायिक विद्युत कनेक्शन की खपत को घरेलू कनेक्शन से आधा-आधा बांट दिया था। एक अन्य प्रकरण केवलारी वितरण केन्द्र अंतर्गत मलारा वार्ड नंबर एक का है। जिसमें सर्विस लाइन के तार को बोर्ड के पीछे से बायपास करके विद्युत चोरी की जा रही थी। बारीकी से जांच करने पर विद्युत चोरी का पता चला। इन सभी के विरूद्ध विद्युत अधिनियम की धारा 133 के तहत प्रकरण बनाए गए हैं। इन पर कुल बिल की राशि का 10 गुना जुर्माना लगाया गया है। भुगतान नहीं होने पर इनके विरूद्ध थाना में एफआईआर की जाएगी।
ऐसे करीब तीन हजार विद्युत उपभोक्ताओं की सूची तैयार की है, जिनकी लगातार कम खपत हो रही है, जबकि उपभोग अधिक की संभावना है। ऐसे कनेक्शन की जांच में दो दिन में ही 153 मामले में 22 लाख रुपए से ज्यादा की चोरी पकड़ी गई है। जांच व कार्रवाई जारी है।
सुभाष राय, कार्यपालन यंत्री विद्युत, सिवनी संभाग