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विज्ञान और टेक्नोलॉजी

इस शख्स की अस्थियों की राख चांद पर है दफन, ऐसा करने वाले दुनिया के पहले और इकलौते हैं यूजीन

20वीं सदी के सबसे तेज दिमाग वाले व्यक्तियों में थे शामिल
कई बड़े रिसर्च में रह चुके हैं यूजीन शामिल

Dec 28, 2019 / 10:37 am

Prakash Chand Joshi

scientist eugene shoemaker ashes are buried on the moon

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नई दिल्ली: साइंस की तरक्की को आज दुनिया मानती है। साइंस ने वो कर दिखाया है जो शायद कभी सोचा भी नहीं जा सकता था। क्या चांद, क्या मंगल हर जगह साइंस ने अपना प्रचम लहराया है। वहीं इसके पीछे कई महान वैज्ञानिकों का हाथ रहा है। ऐसे ही एक महान वैज्ञानिक ( scientist ) थे यूजीन मर्ले शूमेकर। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनकी अस्थियों को चांद पर दफनाया गया। चलिए बताते हैं कैसे हुआ ये सब।

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यूजीन मर्ले शूमेकर ने कई अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित किया है और एक नया विज्ञान स्थापित किया। 28 अप्रैल 1928 को इनका जन्म हुआ । उनके बेहतरीन योगदान के लिए उन्हें 1992 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू बुश द्वारा विज्ञान के राष्ट्रीय पदक से सम्मानित किया गया था। जहां यूजीन संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के खगोल भूविज्ञान अनुसंधान कार्यक्रम के पहले निदेशक थे, तो वहीं यूजीन को एरिजोना में बैरिंजर मेटियोर क्रेटर (उल्का पिंड से बना गड्ढा) जैसे स्थलीय क्रेटर (गड्ढे) के अध्ययन के लिए भी जाना जाता था। यूजीन ने यह भी पता लगाने में अन्य वैज्ञानिकों की मदद की थी कि आज से करीब साढ़े छह करोड़ साल पहले धरती पर किस जगह कयामत आई थी। दरअसल, उस समय करीब 12 किलोमीटर में फैला एक उल्कापिंड धरती से आ टकराया था, जिससे डायनासोर ही नहीं, धरती पर रह रहे 80 फीसदी जीव तबाह हो गए थे। यह जगह मेक्सिको का युकाटन प्रायद्वीप है।

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यूजीन ने दूर से यानी पृथ्वी पर रहकर चंद्रमा ( moon ) का काफी अध्ययन किया, लेकिन वह अक्सर एक अंतरिक्ष यान में चढ़ने और चंद्रमा की सतह पर चलने का सपना देखते थे। हालांकि उन्हें अपने सपनों को पूरा करने का कभी मौका नहीं मिला। एक गंभीर बीमारी ने उनके अंतरिक्ष यात्री बनने की उनकी उम्मीदों को कुचल दिया। लेकिन 18 जुलाई 1997 में हुई एक कार दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद नासा ने उनके सपनों को कुछ हद तक पूरा करने का काम किया और उनकी अस्थियों की राख को चांद पर दफन किया गया। वह यह उपलब्धि पाने वाले दुनिया के पहले और एकमात्र इंसान हैं।

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