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नई दिल्ली

ब्रह्मांड के जन्म से जुड़ी आकाशगंगा की खोज, सूर्य जैसे 100 लाख तारों के बराबर द्रव्यमान

दूरबीन से दर्शन : चमकीले तारों का समूह दिखता है जगमगाते जुगनुओं जैसा

नई दिल्लीDec 13, 2024 / 01:02 am

ANUJ SHARMA

वॉशिंगटन. अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने ब्रह्मांड के जन्म से जुड़ी युवा आकाशगंगा की खोज की है। इसे ‘फायरफ्लाई स्पार्कल’ कहा जा रहा है, क्योंकि इसका चमकीले तारा समूह जगमगाते जुगनुओं जैसे दिखता हैं। नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खोज हमारी आकाशगंगा के बचपन की झलक देती है। ‘फायरफ्लाई स्पार्कल’ उस समय की है, जब ब्रह्मांड अपनी मौजूदा उम्र का करीब पांच फीसदी ही था। इसका द्रव्यमान सूर्य के आकार के करीब 100 लाख तारों के बराबर है। इसके पास दो अपेक्षाकृत छोटी आकाशगंगाएं हैं, जिन्हें फायरफ्लाई-बेस्ट फ्रेंड और फायरफ्लाई-न्यू बेस्ट फ्रेंड नाम दिया गया है।
नेचर जर्नल में छपे शोध में बताया गया कि हमारी आकाशगंगा का निर्माण ब्रह्मांड के इतिहास की शुरुआत में होने लगा था। संभव है कि फायरफ्लाई स्पार्कल का निर्माण भी उसी समय शुरू हुआ होगा। शोध से जुड़ीं नासा की खगोलविद कार्तिक अय्यर ने कहा, हमारी आकाशगंगा अरबों साल में अन्य आकाशगंगाओं के साथ विलय और निरंतर तारा निर्माण के माध्यम से बढ़ती और विकसित होती रही, जबकि फायरफ्लाई स्पार्कल को हम उसके प्रारंभिक निर्माण चरणों में देख रहे हैं।
10 सघन तारा समूह

यह आकाशगंगा 10 सघन तारा समूहों से बनी है। इनमें से आठ केंद्रीय क्षेत्र में और दो इसकी विस्तारित भुजा पर हैं। इसका दिखाई देने वाला मुख्य हिस्सा करीब 1,000 प्रकाश वर्ष के दायरे में फैला है। एक प्रकाश वर्ष वह दूरी है, जो प्रकाश एक साल में तय करता है। यह 9,500 अरब किमी के बराबर है।
इतिहास का नजारा

जेम्स वेब टेलीस्कोप सबसे शक्तिशाली दूरबीन है। यह ब्रह्मांड के अतीत में जा सकती है। इसके जरिए वैज्ञानिक बिग बैंग के करीब 13.8 अरब साल बाद की आकाशगंगाएं देख पा रहे हैं। इसे ब्रह्मांडीय प्रभात काल कहा जाता है।

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