नासा (NASA) के मुताबिक ऐस्टेरॉयड (Asteroid 2020 ND) शुक्रवार को पृथ्वी से करीब .034 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट (50 लाख 86 हजार 328 किलोमीटर) दूर से होकर गुजरेगा। ये एक विशालकाय उल्कापिंड है। अगर इसकी पृथ्वी से सीधी टक्कर होती तोा इससे बड़ा नुकसान हो सकता था। हालांकि इसकी दूरी ज्यादा होने से डरने की बात नहीं है। मगर इसका धरती पर थोड़ा प्रभाव पड़ सकता है। इससे पहले पांच जून को एक ऐस्टेरॉयड पृथ्वी से 1 लाख 90 हजार मील की दूरी से होकर निकला था। जिसका नाम ऐस्टेरॉयड ‘2020 एलडी’ था। इसका आकार करीब 400 फीट था।
नासा का कहना है कि 0.05 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट या उससे कम दूसरी से गुजरने वाले ऐस्टेरॉयड के पृथ्वी के करीब आने से खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि इसकी टक्कर से विनाश की आशंका रहती है। द प्लेनेटरी सोसाइटी के अनुसार अतंरिक्ष में अभी तीन फीट के लगभग 1 अरब ऐस्टेरॉयड मौजूद हैं, लेकिन इनसे पृथ्वी के लिए कोई खतरा नहीं है। 90 फीट से बड़े ऐस्टेरॉयड से पृथ्वी को काफी नुकसान पहुंचने का खतरा होता है। हर साल करीब 30 छोटे ऐस्टेरॉयड पृथ्वी से टकराते हैं। मगर कई बार छोटे उल्कापिंडों से भी पृथ्वी पर खतरा मंडरा सकता है। इसका उदाहरण साल 2013 में साइबेरिया में देखने को मिला था। उस वक्त पृथ्वी ऐस्टेरॉयड ज्यादा बड़ा नहीं था, लेकिन इसने खूब कहर बरपाया था। इसलिए इस बार भी वैज्ञानिक सतर्क हैं।