नई दिल्ली। मैक्सिकन एक्सोलॉटल नामक यह जीव जो मैक्सिको की झीलों में पाया जाता है आज कल विज्ञानिकों के चर्चा का विषय बना हुआ है। उनकी नजर आजकल इसी जीव पर है जिसके बारे में कहा जा सकता है कि वो मरकर फिर पैदा हो सकता है। आपको बता दें ये बस पानी में नहीं पाया जाता ये जमीन पर भी रह पाने में सक्षम है।
यह जीव छिपकली जैसा दीखता है अपने अंगों के खत्म या कट जाने के बाद भी उन्हें दोबारा उगाने की असाधारण ताकत के लिए जाना जाता है। वैज्ञानिकों की नजर इस जीव पर पैनी बनी रही शोध में पाता चला कि अगर इस जीव का कोई अंग नहीं रहा तो हफ्ते भर में ही यह हड्डी, नस और मांस के साथ उस अंग को फिर से उसी जगह पर उगाने में सक्षम होता है और फिर से हृष्ट-पुष्ट हो जाता है।
शोध में देखा गया कि एक्सोलॉटल अपनी रीढ़ की हड्डी में लगी चोट को भी सही करने की क्षमता रखता है और अगर वो टूटी नहीं है तो ये सामान्य तरह से काम भी करता रहता है। घाव का निशान छोड़े बिना यह दूसरे ऊतकों, जैसे रेटिना को भी ठीक कर सकता है। लगभग 150 सालों से वैज्ञानिक प्रयोगशाला में इस जीव को और प्रभावशाली बनाने पर काम कर रहे हैं और उसकी असाधारण जैविक क्रियाओं का पता लगा रहे हैं। हैरानी बात बस इतनी ही नहीं है वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने एक्सोलॉटल का एक और राज खोज निकाला है। वह राज यह है की इस जीव में मनुष्य से भी बड़ा जीन-समूह (जीनोम) पाया गया है। इस जीव में 32 हजार मिलियन डीएनए की बेस जोड़िया हैं जो मनुष्य के मुकाबले दस गुना ज्यादा हैं।
विएना के रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मोलिक्युलर पैथोलॉजी की डॉक्टर एली तनाका प्रयोगशाला में एक्सोलॉटल की संख्या बढ़ाने पर काम कर रही हैं। वैज्ञानिक उन कोशिकाओं की पहचान कर चुके हैं जो अंगों के पुनर्जन्म की प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार होते हैं। लेकिन पुनर्जन्म की प्रक्रिया को विस्तार से समझने के लिए शोधकर्ताओं को इस एम्फीबियन जीव के जीनोम से जुड़ी जानकारियों की जरूरत पड़ है। इस जीव के जीनोम की संख्या 32,000 मिलियन जोड़ी होने की वजह से अभी तक यह संभव नहीं हो पाया है। आपको बता दें इस जीव पर विलुप्त होने का खतरा भी मंडरा रहा है, हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि यह जीव आसानी से प्रजनन कर सकता है वैज्ञानिक प्रयोगशाला में इस जीव को और प्रभावशाली बनाने पर काम कर रहे हैं।