रॉयल सोसाइटी ऑफ लंदन की प्रेसिडेंट प्रो. वेंकि रामाकृष्णन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सोसाइटी का लक्ष्य विज्ञान और शोध के जरिए मानव कल्याण के क्षेत्र में काम करना है। डॉ. गगनदीप ने बच्चों में होने वाले संक्रमित रोगों की रोकथाम के लिए बड़े स्तर पर काम किया है। इन्होंने ही देशभर में नेशनल रोटा वायरस और टायफॉयड सर्विलांस नेटकर्वक की मदद से वैक्सीन का ट्रायल किया। इन्होंने 1990 के दशक में डायरिया और जनस्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर बीमारियों पर काम करते हुए उसके निदान के लिए सरकार के साथ बड़े पैमाने पर काम किया है। इन्हें बच्चों में होने वाले संक्रामक रोग की रोकथाम पर काम करने विशेष अनुभव है।
डॉ. गगनदीप कांग ने वेल्लोर के क्रिश्चियम मेडिकल कॉलेज से 1987 में एमबीबीएस और 1991 में माइक्रोबायोलॉजी से एमडी किया है। 1998 में पीएचडी की डिग्री हासिल की है। रॉयल कॉलेज ऑफ पैथोलॉजिस्ट्स की सदस्य भी रही हैं। इनके 300 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। 2006 में इन्हें वीमन बायो साइंटिस्ट ऑफ द ईयर अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।