पुलिस ने बताया कि शुक्रवार करीब साढ़े ग्यारह बजे झनूण निवासी रामनिवास अपने परिवार के साथ राजपुरिया में देवता के स्थान से लौट रहा था। पीछे से तेज गति से आए डम्पर ने एक महिला तथा दो बच्चों को कुचल डाला। रामनिवास ने तो डिवाइडर पर कूदकर जान बचा ली। जबकि डंपर की चपेट में आने से रामनिवास की पुत्री सवाईमाधोपुर निवासी 43 साल की अनीता पत्नी तीर्थराज, 14 साल की पोती प्रिया व 8 वर्षीय दोहिते शुभम की मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस व ग्रामीणों के सहयोग से डंपर को तो कुछ दूरी पर ही जप्त कर लिया लेकिन चालक फरार हुआ। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।
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5 सूत्री मांगों को लेकर धरना
सरपंच सीमा देवी व सरपंच प्रतिनिधि हनुमान मीणा के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने निर्माणाधीन एक्सप्रेस वे पर 5 सूत्री मांगों को लेकर धरना शुरू कर दिया। दोपहर 3 मामला गर्माते देखकर पुलिस का अतिरिक्त जाप्ता बुला लिया गया। बौंली प्रधान कृष्ण पोसवाल, मंडल अध्यक्ष रामअवतार मीणा, भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए।
ग्रामीणों ने तीनों मृतकों के लिए एक-एक करोड रुपए मुआवजा देने, डंपर चालक को गिरफ्तार करने, डंपर चालक के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज करने, चिरंजीवी योजना का लाभ देने आदि मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। एसडीएम बद्रीनारायण मीणा, तहसीलदार राजेश मीणा,सीओ तेज कुमार पाठक व एसएचओ कुसुम लता मीणा भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश के प्रयास शुरू किए। लेकिन वे शाम तक जाम हटाने पर सहमत नहीं हुए।
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15-15 लाख का मुआवजा देने पर बनी सहमति
ग्रामीणों की मांग पर निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे पर कार्यरत एचजी इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी के प्रबंधक तारकेश्वर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों को सांत्वना देते हुए समझाइश का प्रयास किया। बामनवास विधायक इंदिरा मीणा भी सूचना के बाद मौके पर पहुंची और कंपनी के अधिकारियों से पीडि़त परिवार को मुआवजा देने की मांग की। आखिर में प्रत्येक मृतक को 15-15 लाख का मुआवजा देने पर सहमति बनने पर ग्रामीण जाम हटाकर पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए। रात 8 बजे विशेष अनुमति से मौके पर पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिए गए।