दूसरी बात यह है कि साग-सब्जदार किसानों ने टमाटर, धनिया, मटर, बैंगन, मूली, पालक, गोभी, हरी मिर्च लगा रखी है। इस साल अच्छी बारिश होने से सूरवाल बांध लबालब भरा है। फिलहाल अगले चरण में पानी छोड़ने के लिए बांध में पानी को रिजर्व भी रखा गया है। कनिष्ठ अभियंता रोहित गुर्जर ने बताया कि सिंचाई का पानी सभी किसानों को मिले, इसके लिए पूरा प्रयास रहेगा। नहर में छोड़े गए पानी की हर समय मॉनिटरिंग की जाएगी।
इन गांवों को मिलेगा सिंचाई का लाभ
सिंचाई विभाग के अनुसार सूरवाल बांध से नहरों में छोड़े गए पानी से 22 गांवों के करीबन आठ हजार किसानों को सिंचाई का लाभ मिलेगा। इन गांवों में सूरवाल, महू, अजनोटी, नींदडदा, श्यामोता मैनपुरा, कौशाली, भैंसखेड़ा, पढ़ाना, गोगोर, जटवाड़ाकलां, खाटखुर्द, धनौली, गोठड़ा, दोबड़ा कलां, दुब्बी खुर्द, कानसीर, जड़ावता, खाटकलां, सेलू, चकेरी, दुब्बी बनास शामिल हैं। पांच हजार हेक्टेयर जमीन पर होती है सिंचाई
बांध की मुख्य नहर में छोड़ा गया पानी छह माइनर नहरों में पहुंचेगा, जिससे कि टेल तक पानी पहुंच सके। सूरवाल बांध के पानी से करीबन पांच हजार हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई की जाएगी। पन्द्रह फ़ीट भराव क्षमता वाले बांध के पानी से किसानों को दो से ढाई महीने तक सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।