रेलवे अधिकारियों के अनुसार रेलवे ने कवच का नया वर्जन 4.0 लॉन्च किया है। यह पूरी तरह से अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली है, जो रेल दुर्घटना की रोकथाम में संजीवनी साबित होगा। साथ ही ट्रेनों के सुरक्षित संचालन में उपयोगी भी साबित होगा। इसे देश में पहली बार सर्वप्रथम
सवाई माधोपुर से
कोटा के मध्य महज दो माह में 108 किलोमीटर की दूरी में स्थापित किया गया है। इसे शुरू भी कर दिया गया है।
जल्द ही इसे नागदा – मथुरा रेल लाइन पर भी स्थापित करने का काम पूरा हो जाएगा। इससे पूर्व यहां कवच 3.2 स्थापित किया जा चुका है।
ऐसे हुई सफलता हासिल
इसके लिए 130 टावर की स्थापना की गई। ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई। 78 कवच भवन का निर्माण किया गया। 178 सिग्नलिंग इंटरफेस और एक एसपीएलएस नेटवर्क का निर्माण किया गया। साथ ही कवच 4.0 के दोषरहित संचालन के लिए व्यापक डिजाइन परीक्षण भी किए गए।
यूं होगा उपयोगी साबित
स्पीड नियंत्रण: ट्रेन की स्पीड तय सीमा से 2 किमी प्रतिघंटा से अधिक है तो कवच ओवर स्पीड अलार्म बजाएगा। ट्रेन की स्पीड 5 किमी प्रतिघंटा से अधिक है तो स्वत ब्रेक लग जाएंगे। स्पीड 9 किमी प्रतिघंटा होने पर इमरजेंसी ब्रेक लग जाएंगे। कैब सिग्नलिंग: कवच सिस्टम पर लगी इंटरलॉकिंग से अगले सिग्नल को पढ़कर उसके आस्पेक्ट को रेडियो तरंगों के माध्यम से सीधे इंजन में प्रदशित कर देगा। जिससे 160 किमी की रफ्तार में पायलट को सिग्नल पढ़ने में सुविधा होगी। उसे लाइन पर लगे सिग्नल पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
चालक दल की कार्य प्रणाली की होगी निगरानी
बताया जा रहा है कि यदि चालक दल ट्रेन संचालन में कोई गलती करता है या भूल होती है तो सिस्टम तुरंत अलर्ट करेगा। आपात स्थिति में ब्रेक लगा देगा।