Rajasthan News : अब सरकारी स्कूलों में अफसर लेंगे क्लास, जानें क्यों
Rajasthan News : राजस्थान के सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर में शुरू हुई एक नई पहल। अब सरकारी स्कूलों में अफसर लेंगे क्लास। वजह जानेंगे देंगे तो कहेंगे…वाह।
मलारना डूंगर, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तारनपुर में छात्रों से संवाद करते उपखंड अधिकारी बद्रीनारायण विश्नोई। (फाइल फोटो)
Rajasthan News : राजस्थान के अधिकांश सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त होने से पढ़ाई ठप हो रही है। ऐसे में मलारना डूंगर क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को तहसीलदार, विकास अधिकारी, चिकित्सक, इंजीनियर, कृषि अधिकारी पढ़ाते नजर आएंगे। क्षेत्र के उपखंड अधिकारी बद्रीनारायण विश्नोई की पहल पर अब ये अधिकारी अपने पदस्थापित कार्यक्षेत्र के निकट स्कूलों में प्रत्येक शनिवार को जाएंगे और अपने-अपने विषय से संबंधित कम से कम एक कालांश लेंगे। उपखंड अधिकारी का कहना है कि वे छात्रों को हिंदी और राजनीति शास्त्र पढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में इन अधिकारियों से चर्चा की गई। इसके बाद ही निर्णय किया गया कि वे स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे। इसके अलावा अधिकारी विद्यार्थियों से बातचीत कर काउंसलिंग करेंगे। साथ ही उन्हें सही विषय चुनने और कॅरियर गाइडेंस में मदद करेंगे।
इस पहल से विद्यार्थियों को मिलेगी प्रेरणा – उपखंड अधिकारी
उपखंड अधिकारी मलारना डूंगर बद्रीनारायण विश्नोई ने बताया विद्यार्थी हित में ब्लॉक के युवा तहसीलदार, चिकित्सक, इंजीनियर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों को अपने पसंद के विषय को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने की पहल से विद्यार्थियों को प्रेरणा मिलेगी।
यह नवाचार नींव का पत्थर होगा साबित – मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, मलारना डूंगर हरकेश मीना का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में यह नवाचार नींव का पत्थर साबित होगा। यह सच है स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद होने से पढ़ाई प्रभावित होती है।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की साइट पर प्रदर्शित आंकड़ों की मानें तो जिले में विभिन्न श्रेणियों के विषयवार 6893 शैक्षणिक स्टाफ के पद स्वीकृत हैं। इनमें 4958 पदों पर शैक्षणिक स्टाफ कार्यरत हैं। मलारना डूंगर में विभिन्न विषयों सहित 483 शैक्षणिक स्टाफ के पद स्वीकृत हैं। 369 कार्यरत है। उपखंड क्षेत्र में शैक्षणिक स्टाफ के 114 पद रिक्त हैं। मलारना डूंगर उपखंड क्षेत्र में प्रधानाचार्य के 38 प्रतिशत, उप प्राचार्य के 55 प्रतिशत, व्याख्याता के 30 प्रतिशत और वरिष्ठ अध्यापकों के 22 प्रतिशत पद रिक्त चल रहे हैं।
इसलिए उठाया यह कदम
ज्यादातर सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की पढ़ाई में परेशानी को देखते हुए मलारना डूंगर उपखंड अधिकारी ने उपखंड क्षेत्र में कार्यरत तहसीलदार, विकास अधिकारी, चिकित्सक, इंजीनियर, कृषि अधिकारी, पत्रकारिता और सूचना प्रौद्योगिकी के अधिकारियों से चर्चा कर शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार की पहल की है।