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सतना

MP: आंकड़ों की कसौटी में परखेंगे शहर के स्वास्थ्य, शिक्षा और हवा की गुणवत्ता

सतना सहित प्रदेश के 7 नगरों में होगा मानव जीवन के मानक स्तर का सर्वे

सतनाApr 14, 2018 / 02:23 pm

suresh mishra

Standard level survey in satna nagar nigam

Standard level survey in satna nagar nigam

सुखेंद्र मिश्र @ सतना। देश के चार हजार शहरों की स्वच्छता जांचने के बाद अब केंद्र सरकार नगरों में उपलब्ध मानव जीवन के मानक स्तर का सर्वे कराने जा रही है। सर्वे के लिए देश के जिन शहरों को चिह्नित किया गया है उनमें सतना सहित प्रदेश के सात नगर शामिल हैं।
चुने गए शहरों की आबोहवा कैसी है, नगर में मानव जीवन के लिए आवश्यक मानकों का क्या स्तर है। शहर की स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा का स्तर, यातायात व्यवस्था एवं अपराध की स्थिति का सर्वेकर इनके मानकों को आंकड़ों की कसौटी पर परखा जाएगा।
केंद्र सरकार ने आंकड़े जुटाने की जिम्मेदारी शहरी विकास प्राधिकरण को सौंपी है। सतना शहर की आबोहवा एवं सर्वे के आंकड़े जुटाने का जिम्मा नगर पालिक निगम को दिया गया है। सर्वे की गाइडलाइन मिलते ही निगम प्रशासन विभागों से आंकड़े इकट्ठा करने के कार्य में जुट गया है।
मानक स्तर में होगा सुधार
नगरों के मानव मूल्य के सर्वे के पीछे केंद्र सरकार की मंशा शहर में जीवन यापन कर रही जनता के मानक स्तर का मूल्यांकन कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है। सर्वे के तहत शहर की आबोहवा कैसी है, प्रदूषण विभाग द्वार जिन शहरों को प्रदूषित शहरों की श्रेणी में रखा गया है उनका सर्वे कर हवा एवं ध्वनि प्रदूषण के स्तर को मापकर उसमें सुधार करना।
अपराध की स्थिति

शहर की बिजली कनेक्शन एवं बिलों के ऑनलाइन भुगतान की स्थिति, शहरी यातायात एवं उसमें सुधार की गुंजाइश, शहर में अपराध की स्थिति व उनकी श्रेणी, शहर की सुरक्षा व्यवस्था आदि तथ्यों का आंकड़ों के आधार पर सर्वेकर जमीनी हकीकत भी परखेगी।
प्रदूषण की स्थिति
शहर में प्रदूषण की स्थिति गंभीर है। सेमरिया चौराहा, रीवा रोड तथा औद्योगिक क्षेत्र सिंधी कैम्प शहर के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में शामिल हैं। यहां वायु प्रदूषण का स्तर 300 माइक्रान प्रति घन मीटर तक पहुंच गया है। पूरा शहर धूल एवं धुए से परेशान है। शहर में एक भी एेसी कॉलोनी नहीं, जहां की जनता खुली हवा में सांस ले सके।
पेयजल की स्थिति
नगर निगम प्रशासन शहर की कुल आबादी के मात्र 35 फीसदी लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा रहा है। 65 फीसदी परिवार अभी भी पेयजल के लिए व्यक्तिगत संसाधनों पर निर्भर है। शहरी सीमा में75 हजार परिवार निवास करते हैं। जबकि शहर के वैध नल कनेक्शन मात्र 27 हजार हैं। यहां अवैध नल कनेक्शनों की संख्या 20 हजार से अधिक है।
शहरी यातायात
शहर में महज एक बसस्टैंड है। उससे प्रतिदिन 900 गाडि़यों का संचालन होता है। शहर में ऑटो-रिक्शा की संख्या 3 हजार से अधिक है। प्रमुख सड़कों पर हर दिन 4 से 5 घंटे जाम की स्थिति रहती है। जनवरी 2017 से अब तक जिले में सड़क हादसों में एक हजार लोगों की जान जा चुकी है।
बिजली की उपलब्धता
शहर में 72 हजार बिजली कनेक्शन हैं। उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराने 864 ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। शहर में 12 से 16 फीसदी बिजली की चोरी हो रही है। जबकि ऑनलाइन बिल जमा करने वाले उपभोक्तओं की संख्या महज 10 फीसदी है।
जनसंख्या
2011 में हुई जनगणना के अनुसार सतना जिले की कुल आबादी 22.23 लाख तथा सतना शहर की आबादी 2.80 लाख है। बीते सात साल में शहर की आबादी तेजी से बढ़ी है। वतर्मान में शहर में 3.50 लाख से अधिक लोग निवास कर रहे हैं।
ये शहर शामिल
केंद्र सरकार ने शिक्षा-स्वास्थ्य, पानी और हवा की गुणवत्ता परखने देश के जिन शहरों को चुना है उनमें स्मार्ट शहरों की सूची में शामिल इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, सतना, सागर तथा उज्जैन का नाम है।

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