ये भी पढ़ें: बदमाशों ने हॉलीवुड की फिल्म फास्ट एंड फ्यूरियस-4 स्टाइल में एसबीआई एटीएम से उठाया कैश बॉक्स! खनिज अधिकारियों के मुताबिक करीब डेढ़ महीने पहले प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित एक कार्यशाला में शासन स्तर के अधिकारियों की ओर से इसे चर्चा में लाया गया। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक चर्चा के बाद से खदान शुरू करने को लेकर कवायद तेज हो गई है। माना जा रहा है कि नीलामी सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी कर नए वर्ष में खदान शुरू हो सकती है। खदान शुरू करने से संबंधित प्रक्रिया सीधे शासन स्तर से की जा रही है।
ये भी पढ़ें: 29 लाख रुपए कैश सहित एटीएम मशीन ले गए चोर, पुलिस विभाग में हड़कंप, मुख्य हाईवे सील 2002 में शुरू हुई थी खोजएक अनुमान के आधार पर वर्ष 2002 में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से यहां सोने की खोज शुरू की गई थी। कई वर्षों के अध्ययन के बाद चितरंगी के चकरिया में सोने के पत्थर मिलने की पुष्टि हुई थी। पूर्व में इसे प्रारंभिक सर्वे माना जा रहा था, लेकिन अब इसकी पूरी तरह से पुष्टि है।
ये भी पढ़ें: भाजपा सांसद के बिगड़े बोल, भरी सभा में कहा तैयार कर लो कुदाली, निगम आयुक्त को जिंदा दफन करना है आस-पास भी है संभावना सोने की खदान के रूप में चितरंगी तहसील का चकरिया ब्लॉक चिह्नित किया गया है। यहां करीब 21 हेक्टेयर में सोना का पत्थर पाए जाने की संभावना है। खासतौर पर चार हेक्टेयर में डेढ़ लाख टन सोना प्राप्त होने की संभावना है। इसके अलावा गुरहार पहाड़, थापरा, कर्माहीपुरी व निबुला के बड़े रकबे में सोने की खदान बताई जा रही है।
ये भी पढ़ें: भाजपा सांसद की फिसली जुबान, नगर निगम आयुक्त को दी जिंदा दफन करने की धमकी वर्तमान में जारी है प्रक्रिया सोने की खदान शुरू किए जाने से संबंधित प्रक्रिया वर्तमान में जारी है। करीब एक दर्जन चिह्नित स्थानों का आवंटन किया जाना है। दिसंबर तक मालूम हो सकेगा कि किसे कहां के लिए आवंटन मिला। उम्मीद है कि नए वर्ष में खदान का कार्य शुरू हो जाएगा।
केपी दिनकर, उप संचालक खनिज विभाग मप्र.