Satna’s sweets will melt sweetness across the country,Satna’s sweets will melt sweetness across the country,Satna’s sweets will melt sweetness across the country
सतना।ट्रेनों के जरिए अब सतना की प्रसिद्ध देशी मिठाई खुरचन की मिठास दूर-दूर तक पहुंचेगी। जल्द ही रेलवे स्टेशन में एक स्टॉल में खुरचन मिलने लगेगा। रेलवे ने एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत सतना स्टेशन में खुरचन को शामिल किया है। इसकी बिक्री के लिए एक स्टॉल भी खोल दिया गया है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि वोकल फॉर लोकल की थीम के तहत स्थानीय उत्पाद एवं व्यापार को प्रोत्साहन देने के लिए योजना लागू की गई है। इसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादों और प्राचीन दुर्लभ कलाकृतियों को बढ़ावा देना है। इस व्यवसाय से जुड़े उद्यमों के लिए बेहतर अवसर विकसित होंगे।
70 साल से बन रही मिठाई स्टेशन में स्टॉल लगाने वाले खुरचन व्यापारी अजय दुबे बताते हैं कि कुछ दिन पहले से अस्थाई स्टॉल शुरू किया है। रोजाना पांच-छह किलो मिठाई बिक जाती है। सुसजिज्जत स्टॉल में शिफ्ट होने के बाद बिक्री बढ़ेगी। बताया गया कि जिले के रामपुर बाघेलान में करीब 70 सालों से खुरचन मिठाई बन रही है। रामपुर में सड़क किनारे छोटी-छोटी दुकानों में यह मिल जाती है। एक किलो खुरचन बनाने में करीब पांच लीटर शुद्ध दूध लगता है। 50 रुपए लीटर के मान से 250 रुपए का दूध लगता है। शक्कर और लकड़ी का खर्च करीब 50 रुपए आता है। इस तरह 300 रुपए लागत आती है। इन दिनों कारोबारी 350 रुपए से 450 रुपए किलो बेच रहे हैं।
खौलते दूध से मलाई की परत खरोंच-खरोंच कर बनता है खुरचन खुरचन मिठाई जिले के रामपुर बाघेलान क्षेत्र में बनाई जाती है। इस मिठाई का व्यापार कभी संगठित नहीं हो पाया। व्यापारी ऋषि तिवारी बताते हैं कि खुरचन बनाने की विधि बहुत जटिल कला है। पांच लीटर दूध में एक किलो खुरचन बन जाए तो बड़ी बात है। खौलते दूध से मलाई की परत को खरोंच-खरोंच कर इस मिठाई को तैयार करना पड़ता है। दूध के ठंडा होने पर जमी परत को सींक से उतार कर थाली में रखा जाता है। इसके बाद दूध की पतली परतों के बीच कुछ खास ड्राई फूड्स डाली जाती हैं। इस मिठाई के दीवाने देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी हैं।
सतना एरिया के तीन बड़े स्टेशन योजना में शामिल रेलवे में एक स्टेशन एक उत्पाद योजना का विस्तार करते हुए रेलवे स्टेशनों पर राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान द्वारा डिजाइन किए गए स्टॉल स्थापित किए जा रहे हैं। जबलपुर मंडल में इसके लिए 12 रेलवे स्टेशन चुने गए थे। सतना एरिया में सतना के साथ मैहर व रीवा स्टेशनों में भी एक स्टेशन एक उत्पाद के तहत स्टॉल स्थापित किए गए हैं।
वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने एक स्टेशन एक उत्पाद योजना लांच की है। रेलवे स्टेशन में स्टॉल बनाया गया है। एक माह के अंदर जिले का खुरचन स्टॉल में बिकेगा। इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, ताकि रेल यात्रियों को उत्पाद की खासियत के बारे में पता चले। पूरी उम्मीद है कि रेलवे के जरिए सतना के खुरचन की मिठास दूर-दूर पहुंचेगी। रोहित सिंह, एरिया मैनेजर
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