रांची में हुई राष्ट्रीय स्कूली वुशू प्रतियोगिता जी, हां। भूमिका की कहानी कुछ ऐसी ही है। इसी साल 10 से 14 जनवरी तक रांची में हुई राष्ट्रीय स्कूली वुशू प्रतियोगिता की बात है। शासकीय स्कूल धवारी में बारहवीं कक्षा में पढ़ रही भूमिका को प्रतियोगिता के 40 किलोग्राम भार वर्ग के मुकाबलों में उतरना था। रांची पहुंचने के बाद उसे पता लगा कि इसके लिए उसकी ओर से 4 जनवरी को जो ऑनलाइन जानकारी दी गई थी, उसमें लोक शिक्षण संचालनालय की लापरवाही से उसका भार वर्ग 40 किलो की जगह 35 किलोग्राम कर दिया गया था।
वजन तय कैटेगरी से पांच किलो ज्यादा प्रतियोगिता का यह मुख्य नियम होता है कि कम वजन वाला तो अधिक भार वर्ग के मुकाबलों में उतर सकता है। लेकिन अधिक वजन वर्ग वाला कम भार वर्ग में नहीं खेल सकता। लिहाजा, रांची में खुद का नाम 35 किलोग्राम भार वर्ग में देखकर ही भूमिका का दिल बैठ गया। उनके प्रशिक्षक भी मन मसोस कर रह गए, क्योंकि उनके या किसी के भी हिसाब से उस सूरत में भूमिका के लिए मुकाबले में उतर पाना संभव नहीं था। भूमिका का वजन तय कैटेगरी से पांच किलो ज्यादा था।
प्रतियोगिता में उतर पाने का कुछ तो रास्ता हो सकता है प्रशिक्षकों ने इस बारे में अपनी ओर से आयोजकों के समक्ष एक प्रोटेस्ट दायर करने और भूमिका के किस्से को समाप्त मानकर भूल जाने का निर्णय किया। लेकिन भूमिका का मन इसे नहीं मान रहा था। वह कह रही थी कि ऐसा कैसे हो गया। अपनेे आप से बातें भी कर रही थी कि उसकी कोई गलती नहीं है, फिर उसे क्यों यह दिन देखने को मिल रहा है और यह भी सोच रही थी कि प्रतियोगिता में उतर पाने का कुछ तो रास्ता हो सकता है। ऐसा सोचते सोचते उसे खयाल आया कि मुकाबले 24 घंटे बाद शुरू होने हैं।
प्रशिक्षकों ने उसके जज्बे को देखकर उसे इजाजत दे दी उस समय तक भी कोई प्रतियोगी यदि निर्धारित किलोग्राम भार वर्ग की पात्रता हासिल कर ले, तो उसे मुकाबले में उतरने का अधिकार मिल जाता है। बस यह खयाल आने की देर थी कि भूमिका ने अगले पल से ही अपना वजन कम करने की ठान ली। उसके प्रशिक्षकों ने उसे मना किया और कहा कि एक दिन में पांच किलो वजन कम नहीं हो सकता। इसलिए प्रतियोगिता का खयाल दिल से निकाल लो। लेकिन भूमिका ने अपने प्रशिक्षकों को कहा कि वह इसके लिए कोशिश करेगी और कृपया उसे ऐसा करने दो। प्रशिक्षकों ने उसके जज्बे को देखकर उसे इजाजत दे दी।
अंतिम मौका था
भूमिका का कहना है कि 12वीं की विद्यार्थी होने के नाते उनके लिए अंतिम मौका था। वे कहती हैं कि बिना खेले प्रतियोगिता छोड़ देतीं, तो अपने को कभी माफ नहीं कर पातीं। लिहाजा, खेल में बने रहने के लिए वे हर चुनौती का सामना करने को तैयार थीं। उन्होंने 24 घंटे में 5 किलो वजन करने को बड़ी चुनौती के रूप में लिया और इसे प्राप्त भी कर लिया। भूमिका का कहना है कि उन्हें निराशा है कि वे पदक नहीं जीत पाईं, लेकिन इसका पूरा संतोष है कि वे प्रतियोगिता की पात्रता के लिए कड़े संघर्ष की कसौटी पर वे खरी उतरीं।
नहीं खाया खाना, दिनभर की एक्सरसाइज
अनुमति मिलते ही भूमिका वजन कम करने एक्सरसाइज शुरू कर दी। पूरे दिन उसने खाना भी नहीं खाया। 22 घंटे बाद उसने वजन किया तो 4 किलो 600 ग्राम कम था, पर मुकाबले की पात्रता से अब भी 400 ग्राम ज्यादा था। तभी भूमिका को अपने घने बालों का खयाल आया। तुरंत कोच के माध्यम से बाल कटवाने की व्यवस्था की गई। बाल कटते ही वजन के तराजू पर खड़ी हुई तो कांटे ने वजन 35 किलो से कम बताया।