उस्ताद अलाउद्दीन खां को कला के क्षेत्र में सन् 1958 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इससे पहले उन्हें साल 1954 में संगीत नाट्य अकादमी ने अपने सबसे बड़े सम्मान ‘संगीत नाट्य अकादमी फैलोशिप’ से नवाज़ा, ये सम्मान उत्तर प्रदेश राज्य से था। बाबा ने कई एलबम भी चर्चित रहे है। उनकी सबसे खास रिकॉर्डिंग्स ऑल इंडिया रेडियो के साथ 50 से 60 के दशक में की गई जो रिकॉर्डिंग्स सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं।
अलाउद्दीन खां साहब मशहूर सरोद वादक अली अकबर खां और अन्नपूर्णा देवी के पिता हैं, साथ ही राजा हुसैन खां के चाचा भी। इतना ही नहीं बाबा अलाउद्दीन खां ग्रैमी अवार्ड धारी पं. रवि शंकर, निखिल बनर्जी, पन्नालाल घोष, बसंत राय, बहादुर राय आदि सफल संगीतकारों के गुरू भी रहे। उन्होंने स्वयं गोपाल चंद्र बनर्जी, लोलो और मुन्ने खां जैसे संगीत के महारथियों से संगीत की दीक्षा ली। इतना ही नहीं उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद मशहूर वीणा वादक रामपुर के वजीर खां साहब से भी संगीत के गुर सीखे थे।
उस्ताद अलाउद्दीन खां द्वारा स्थापित मैहर वाद्य वृंद के 100 साल पूर्ण होने पर दो दिवसीय कार्यक्रम 25 और 26 नवंबर को मैहर खेल मैदान में आयोजित होगा। जिसमें देशभर के नामचीन संगीतकार भाग लेंगे। संगीत नाट्य अकादमी नई दिल्ली, मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग आयोजक होगा।