उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया में यह पहलू नहीं होना चाहिए कि “मैं पीता हूं और इससे दूसरे लोग भी पीएंगे।” हजारे ने कहा कि अगर भारत को बचाना है तो किसी को बलिदान देना होगा। हजारे ने दिल्ली को केंद्र में रखकर भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया था।
आंदोलन के बाद 2012 में अरविंद केजरीवाल जैसे उनके अनुयायियों ने आम आदमी पार्टी बनाई, जो 2013 में राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में आई। हालांकि, हजारे ने केजरीवाल के राजनीति में आने को अस्वीकार कर दिया था। दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होंगे, जबकि वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी।
इसी के साथ आप 2013 में सत्ता में आई। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई थी, लेकिन यह केवल 49 दिन ही चल पाई थी। हालांकि अन्ना हजारे ने केजरीवाल के राजनीति में आने को स्वीकार नहीं किया था। इसके बाद साल 2015 के चुनावों में AAP ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाई। भाजपा को केवल तीन सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई। इसी तरह साल 2020 में विधानसभा चुनाव में एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें जीत कर दोबारा सरकार बनाई। इस इलेक्शन में बीजेपी ने सिर्फ आठ सीटों पर कब्जा जमाया था। जबकि कांग्रेस के खाते में एक भी सीट नहीं आई थी।