प्रबंध संचालक ने कलेक्टर को बताया कि 24 मार्च 2014 को माधवगढ़ किला का अधिपत्य मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड को दिया गया था। लेकिन किले के अनुषांगिक भूमि का हस्तांतरण नहीं हो सका था। इस संबंध में म.प्र. पर्यटन विभाग मंत्रालय ने 6 जुलाई 2017, मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने 21 नवंबर 2017 व 4 मई 2018 सहित 17 दिसंबर को पत्राचार किया गया। इसमें तहसील रघुराजननगर के ग्राम माधवगढ़ में स्थित शासकीय आराजी क्रमांक 544/1 रकबा 0.930 हैक्टेयर, आराजी क्रमांक 545 रकबा 1.441 हैक्टेयर, आराजी क्रमांक 546 रकबा 0.024 हैक्टेयर, आराजी नंबर 547 रकबा 0.040 हैक्टेयर, आराजी 548 रकबा 0.154 हैक्टेयर, आराजी 549 रकबा 0.291 हैक्टेयर एवं आराजी नंबर 550 रकबा 0.194 हैक्टेयर कुल रकबा 3.002 हैक्टेयर का हस्तांतरण पर्यटन गतिविधियों के संचालन के लिए पर्यटन विभाग को करने कहा गया। लेकिन इस संबंध में कोई प्रक्रिया नहीं की गई।
मप्र टूरिस्ट बोर्ड के प्रबंध संचालक ने बताया है कि माधवगढ़ किले की जमीनों का अधिपत्य तो दिया नहीं गया बल्कि किले के सामने एवं मुख्य मार्ग के बीच वाली खाली जगह में स्थानीय लोगों द्वारा व्यापक पैमाने पर अतिक्रमण शुरू कर दिया गया है। स्थिति यहां तक है कि किले की सुरक्षा के लिए नियुक्त चौकीदारों द्वारा इस पर रोक लगाने का प्रयास किया जाता है तो उन्हें भी धमकियां दी जाती हैं। यहां अतिक्रामकों द्वारा ईंट, सीमेंट, लोहा आदि से नींव पिलर स्थापित कर कब्जा किया जा रहा है।
प्रबंध संचालक ने स्थिति को गंभीर एवं अवैधानिक बताते हुए कहा कि किले को हैरिटेज होटल के रूप में विकसित किए जाने की स्थिति में यह काफी बाधाजनक स्थिति बनेगी। कलेक्टर को कहा गया कि इस अतिक्रमण को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए चिह्नित जमीनों का हस्तांतरण पर्यटन विभाग को प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। ताकि माधवगढ़ किले को हेरीटेज होटल के रूप में विकसित किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सके।