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दरअसल, घोटालेबाजों ने फर्जी पोर्टल बनाकर जाली ईटीपी जारी की और उनके जरिए करोड़ों की रेत चोरी की। प्रदेश के खनिज मंत्री के गृह जिले पन्ना में हुए इस घोटाले के सतना में पकड़े जाने के बाद जांच शुरू की गई है। थाना प्रभारी नागौद निरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा ने बताया, 3 अगस्त 20201 को खनिज निरीक्षक आशुतोष मिश्रा, कमल कांत परस्ते, पवन कुशवाहा ने कचनार मोड़ से रेत से भरे दो ट्रक पकड़े थे। ट्रकों में एमपी 16 एच 1976, जिसके मालिक राम सुहावन अहिरवार निवासी अमौधा हैं। दूसरा ट्रक एमपी 16 एच 1721 है, जिसके मालिक गया प्रसाद यादव निवासी सतना है।
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चालकों के पास रेत परिवहन से संबंधित इटीपी नहीं मिली थी। अगले दिन 4 अगस्त को दोनों ट्रकों के मालिकों ने जो इटीपी खनिज विभाग में जमा की वह डमी पोर्टल से फर्जी तरीके से बनाई पाई गई। इसके बाद नागौद पुलिस ने दोनों ट्रकों के मालिक और चालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने नागौद क्षेत्र से जुड़े अन्य ट्रक मालिकों को भी पूछताछ की है।
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खनिज मंत्री के जिले में बड़ा नेटवर्क
रेत कारोबार के जरिए सरकार को चूना लगाने का यह नेटवर्क प्रदेश के खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के गृह जिले पन्ना में फल-फूल रहा है। यूरेका माइंस एंड मिनरल के नाम पर पन्ना जिले में रेत खदानों का ठेका चला रहे रसमीत मल्होत्रा का नाम इस घोटाले में सुर्खियों में है। पन्ना के बहेरा में फर्जी भंडारण बताकर मल्होत्रा ने रेत का पहाड़ खड़ा कर रखा है। इस स्टॉक से ही रेत की गाड़ियां लोड हो रही हैं और फर्जी पोर्टल से तैयार जाली ईटीपी के जरिए बालू का परिवहन कर रहे हैं।
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खदान सरेंडर का दे चुके हैं आवेदन
पन्ना जिले के माइनिंग कॉर्पोरेशन से मिली जानकारी के अनुसार जिस स्टॉक से रेत लाई जा रही थी, उस स्टॉक के साथ संबंधित रेत खदान की इटीपी बंद है। खदान समर्पण के लिए ठेकेदार रसमीत मल्होत्रा ने आवेदन किया है। खनिज माफिया बैकडोर से रेत का कारोबार करते हुए रॉयल्टी की बड़ी चोरी की है। इससे पन्ना में भी जांच शुरू की है। जांच में जुटी साइबर टीम एसपी धर्मवीर सिंह ने साइबर टीम को जांच के निर्देश दिए हैं। इससे पता चलेगा कि सतना में रेत परिवहन के मामलों में किस तरह से फर्जीवाड़ा कर राजस्व नुकसान किया गया है।