बढ़े हुए संपत्तिकर का विरोध करते हुए परिषद ने संपत्तिकर वसूली पर रोक लगा दी थी। एक साल से कर उपभोक्ताओं द्वारा संपत्तिकर जमा न करने से निगम प्रशासन को राजस्व की हानि हो रही थी। लेकिन शासन द्वारा संपत्तिकर का निर्धारण करने के बाद निगम प्रशासन ने एक बार फिर से संपत्तिकर जमा करना शुरू कर दिया है। एक साल से संपत्तिकर जमा करने निगम के चक्कर लगा रहे करदाता बुधवार से नगर निगम कार्यालय पहुंच कर संपत्तिकर जमा करा सकते हैं।
नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा परिषद के प्रस्ताव को निरस्त करने से उपभोक्ताओं पर संपत्तिकर का बोझ बढऩा तय है। अब नगर निगम प्रशासन कॉर्पेट एरिया की बजाय पूरे निर्माण क्षेत्र की गणना कर संपत्तिकर का निर्धारण करेगा। इससे उपभोक्ताओं को डेढ़ से दो गुना अधिक संपत्तिकर लगेगा। शासन द्वारा प्रस्ताव सिरे से खारिज करने से परिषद को गहरा झटका लगा है।
नगरीय प्रशासन ने अपशिष्ट प्रबंधन एवं सार्वजनिक स्थलों को साफ-सुथरा रखने दंडात्मक प्रावधान किए हैं। अब निगम सीमा में सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। सार्वजनिक स्थानों में थूकने पर 100 रुपए, पेशाब करने तथा शौच करने पर क्रमश: 500 व 1000 रुपए का अर्थदंड किया जाएगा। गंदगी फैलाने पर 250 रुपए, रासायनिक अपशिष्ट डालने तथा हानिकारक द्रव्य बहाने पर एक-एक हजार रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। उधर, घरों में पशुपालन कर कॉलोनी में गंदगी फैलाने वालों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।