आइआइटी इंदौर में पदस्थ बृजेश के कॅरियर की यह पहली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सीरीज है, जो उनके लिए किसी सपने से कम नहीं है। उन्होंने इसके लिए 22 साल कठिन मेहनत की है। बताया कि बचपन में पोलियो हुआ तो परिजन निराश हो गए। सबको मेरे भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी, लेकिन कुछ दोस्तों व करीबियों ने हौसला बढ़ाया तो मंजिल की ओर बढ़ता गया। आइआइटी इंदौर ने नौकरी के साथ-साथ खेलने का मौका दिया। भारत को जीत दिलाने की हर संभव कोशिश करूंगा। सफलता का श्रेय दिवंगत पिता व मां को देेते हुए दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी हारून रशीद के प्रति आभार जताया।
बृजेश ने 13 से 15 अप्रैल तक दुबई में हुए पहले दिव्यांग प्रीमियर लीग में मुंबई आइडियल्स का नेतृत्व किया। आगरा में 2019 में हुए भारत-नेपाल सीरीज, 2018 में कोलकाता की त्रिकोणीय शृंखला, इसी साल रांची में हुई भारत-नेपाल शृंखला (सीसीएल कप), 2017 में कोलकाता में विकलांगों के लिए आयोजित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट में भारतीय टीम व 2017 में अजमेर में हुए राष्ट्रीय क्रिकेट में मप्र की विकलांग टीम का हिस्सा रहे।
एम फाउंडेशन ने 2020 में खेल अलंकरण दिया। नेशनल स्पोट्र्स टाइम्स भोपाल का मप्र खेल रत्न अवार्ड-2019 में मिला। यूथ इंडिया डेवलपमेंट बोर्ड नई दिल्ली का इंडियाज शाइनिंग स्टार अवार्ड-2019 में। इंडिया स्टार बुक ऑफ रिकॉर्ड यूपीएस का इंडिया स्टार पैशन अवार्ड-2019 में। उम्मेद हेल्पलाइन फाउंडेशन जयपुर का दिव्यांग रत्न अवार्ड-2018 में। सतना स्मार्ट सिटी ने स्वच्छता अभियान के लिए ब्राड एंबेसडर चुना।