राहुल गांधी के रथ को रोकने में जुटा संभल प्रशासन, क्या पीडितों से मिल पाएंगे कांग्रेस नेता?
उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस बीच कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बुधवार 4 दिसंबर को संभल जाने की सूचना से प्रशासन सतर्क हो गया है।
राहुल गांधी के दौरे को लेकर जिलाधिकारी राजेंद्र पेसिया ने गाजियाबाद, अमरोहा और आसपास के जिलों की पुलिस को निर्देश जारी किए हैं कि कांग्रेस नेता की एंट्री को किसी भी हाल में रोका जाए।
डीएम ने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर, एसपी और अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर गाजियाबाद-अमरोहा बॉर्डर को सील करने और राहुल गांधी की एंट्री रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करने को कहा है। प्रशासन का मानना है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति या नेता के दौरे से स्थिति और अधिक बिगड़ सकती है।
19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के पहले सर्वे के बाद से ही क्षेत्र में तनाव का माहौल है। 24 नवंबर को मस्जिद के दोबारा सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी जिसमें प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी झड़पें हुईं। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। इसके बाद संभल में स्थिति और अधिक गंभीर हो गई।
10 दिसंबर तक एंट्री पर रोक
तनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों की संभल में एंट्री पर रोक लगा दी है। किसी भी राजनीतिक दल या प्रतिनिधिमंडल को क्षेत्र में जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। इससे पहले, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने संभल जाने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने प्रशासन की इस सख्ती पर नाराजगी जताते हुए इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया। कांग्रेस ने भी प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। संभल में माहौल को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन हरसंभव प्रयास कर रहा है। वहीं विपक्ष इस घटना को लेकर योगी सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है। राहुल गांधी के प्रस्तावित दौरे को लेकर स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है।
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