उन्होंने बताया कि उसकी 13 वर्षीय बेटी नौवीं कक्षा में पढ़ती है। रात करीब साढ़े आठ बजे चंदौसी थानाक्षेत्र के कैथल निवासी अरुण अपने दोस्त बहजोई थाना क्षेत्र के राजपुर निवासी सोनू के साथ डरा धमकाकर अगवा कर ले गया है। इसकी जानकारी होने पर पीड़िता का पिता आरोपी अरुण के घर पहुंचा।
तब आरोपी के पिता ने उन्हें बताया कि उनका बेटा शराबी और जुआरी है। मुझे उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। उसके दोस्त सोनू को ही उसके बारे में पूरी जानकारी होगी। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए दस जून को आरोपी अरुण और सोनू को गिरफ्तार किया।
इसके बाद पीड़िता भी बरामद कर ली थी। पुलिस ने पीड़िता के बयान और मेडिकल परीक्षण कराया था। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया था। जिनके खिलाफ आरोप पत्र अदालत में पेश किया। इस मुकदमे की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट संख्या तीन रघुबर सिंह की अदालत में की गई।
विशेष लोक अभियोजक भूकन सिंह और अभिषेक भटनागर ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाह पेश किए गए। जिसमें पीड़िता और उसके पिता के साथ साथ प्रत्यक्षदर्शी महिला के भी कोर्ट में कराए गए। जिन्होंने घटना की पुष्टि की।
कोर्ट ने पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार अरुण और सोनू को नाबालिग लड़की के अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म का दोषी पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा के साथ प्रत्येक पर 60-60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।