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Lockdown में दुकान खोलने और निर्माण करने के लिए इस तरह करें आवेदन, ‘तुरंत’ मिल जाएगी परमिशन शराब की दुकानें खोलने के फैसले की निंदा करते हुए देवबंदी अलिम मुफ्ती अहमद गौड़ ने कहा है कि शराब की दुकान खोलना किसी घटना से कम नहीं है। सरकार का यह फैसला बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और हमारे लिए बहुत ही बदकिस्मती का सबब है कि शराब जैसी चीज जिसको समाज के अंदर अच्छा नहीं समझा जाता है। शराब पीने से घरों में विवाद पैदा होता है। घर के अंदर बच्चे, बीवी, मां-बाप सभी लोग शराब पीने वाले से परेशान रहते हैं और ऐसे हालात में जब कोरोना का कहर जारी है, ऐसे वक्त में सरकार ने शराब की दुकानें खोलने का गलत फैसला किया है, यह बहुत ही निंदनीय है। इस फैसले की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है।
उन्होंने कहा कि आज जिस हालात से हमारा देश गुजर रहा है और हमारे देश की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। हमारे देश में 60 फीसदी लोग रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं। जब सरकार ने सोशल डिस्टेंस का नारा लगा रखा है और वास्तव में सोशल डिस्टेंस की जरूरत भी है तो सरकार ने अचानक शराब की दुकानें खोल दी है। जहां सोशल डिस्टेंस का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ा रहे हैं जो बिल्कुल गलत है। लॉकडाउन में खाने के लिए हमारे पास पैसा नहीं है, पहनने के लिए कपड़ों की जरूरत है, लोगों को दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं और अगर कोई दवा लेने के लिए निकलता है तो उस पर सख्ती की जाती है। लेकिन, शराब के लिए जाएंगे तो अनुमति है। ऐसे लोगों को आप क्यों जाने देंगे। शराब समाज के लिए भी हानिकारक है और शरीर के लिए भी हानिकारक है।