इन लोगों ने पाकिस्तान के साथ ही भारत के सबसे बड़े इस्लामिक शिक्षा के केन्द्र दारुल उलूम देवबंद के खिलाफ भी आग उगलने का काम किया। प्रदर्शन में शामिल लोगों व पूर्व सैनिकों ने हाथों मे रायफल , बंदूके और पिस्टल लहराते हुए सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जितने भी आतंकवादी दारुल उलूम देवबंद में है। वे यहां से पाकिस्तान चले जाएं, नहीं तो एक मार्च को धावा बोलकर हम लोग खुद ही मदरसा दारुल उलूम पर चढ़ाई करेंगे। इसके साथ ही इन लोगों ने कश्मीर पर चढ़ाई की भी बात कही।
विरोध मार्च में शामिल विरेंद्र गुज्जर ने बताया कि कश्मीर के पुलवामा में ब्लास्ट कर जवानों को धोखे से मार दिया। इस घटना से पूरे देश में गुस्से का माहौल है। हमारे अंदर भी गुस्सा है। वहीं, गांव मिरकपुर से दो आतंकवादी गिरफ्तार होने की हबात कहते हुए उसने कहा कि हम पहले से भी लड़ते आए हैं कि दारुल उलूम देवबंद आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने का काम करता है। इन दोनों आतंकियों की गिरफ्तारी से उसका खुलासा हो गया है। उसने कहा कि यहीं से ट्रेनिंग लेकर ये लोग कश्मीर जाकर आतंकवाद फैलाते हैं। इसीलिए हमने गांव और इलाके के लोगों को क_ा करके सरकार को चेतावनी दी है । आतंकवादियों को चेतावनी दी है कि यहां जितने भी आतंकी है, वह हमारे देश को बर्बाद करना चाहते हैं। इसे छोडक़र पाकिस्तान चले जाएं। नहीं, तो एक मार्च के बाद न तो हम सरकार से रुकेंगे, न प्रशासन से। पूरे क्षेत्र और पूरे हिंदुस्तान के लोगों को इकठ्ठा करके दारुल उलूम देवबंद को बर्बाद कर के छोडेंगे।
भाजपा विधायक बृजेश ने भी जैश सरगना मसूद के देवबंद से जोड़े तार
भाजपा के क्षेत्रीय विधायक कुंवर बृजेश सिंह ने भी दारुल उलूम देवबंद पर निशाना साधते हुए कहा है कि दारुल उलूम समेत देवबंद में पढऩे वाले सभी छात्रों व अन्य वजह से रहने वालों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कंधार कांड से लेकर आज तक मसूद अजहर का कोई न कोई लिंक देवबंद से रहा है। देवबंद के विकास खंड कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए पुलवामा अटैक पर क्षेत्रीय विधायक ने कहा कि आप देश के प्रधानमंत्री पर भरोसा रखिए, उन्होंने 40 मारे हैं, हमारी सेना उनके 400 मारेगी। विधायक ने कहा कि दारुल उलूम समेत देवबंद में पढऩे वाले सभी छात्रों व अन्य वजह से यहां रहने वालों की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कंधार कांड से लेकर आज तक मसूद अजहर का कोई न कोई संबंध देवबंद से निकलता रहा है। पिछले दिनों जब पासपोर्ट की जांच के लिए टीम आई थी तो उस टीम का विरोध हुआ था। तब भी मैंने ये बात कही थी कि अगर हम सही हैं तो किस बात का डर है। मैंने तो यहां तक कहा था कि अगर जांच होती है तो हमारे परिवार से ही शुरुआत की जाए। मैंने पहले भी कहा था कि बाहर से आए कोई भी लोग हों, चाहे वे छात्र ही क्यों न हों। उनकी जांच होनी चाहिए। अगर ये जांच पहले हो जाती तो ये जैश के आतंकी देवबंद की सीमा में न घुस पाते।
शिक्षा पर भी उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि देवबंद की सीमा में जैश के आतंकी पकड़े जाने से साफ हो गया है कि उसके तार देवबंद से जुड़े हैं। इसलिए सीधे-सीधे दारुल उलूम की नीयत और उसकी शिक्षा पर सवाल उठते हैं। मैंने सरकार से मांग की है कि एक स्वतंत्र एजेंसी बनाकर दारुल उलूम में पढऩे वाले सभी छात्रों और दारुल उलूम की गहनता से जांच होनी चाहिए।
देवबंदी आलिम ने दारुल उलूम को निशाना बनाने पर जताई नाराजगी
देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों के पकड़े जाने के बाद कुछ हिंदू संगठनों द्वारा विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम को बदनाम किए जाने के प्रयास करने पर देवबंदी उलमा ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। मदरसा जामिया तुश-शैख हुसैन अहमद अल मदनी के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना मुफ्ती हय्यान कासमी ने कहा कि एटीएस ने जिन दो लोगों को पकड़ा है। उनका दारुल उलूम तो क्या किसी भी मदरसे में दाखिला नहीं है। उनके देवबंद से पकड़े जाने के लिए किसी भी तरह से दारुल उलूम देवबंद को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर कोई यहां आकर चुपचाप किराये पर कमरा लेकर रहने लगता है तो उसमें दारुल उलूम की नहीं प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने कहा कि देश का माहौल खराब हो यही आतंकियों की मंशा है, जो आतंकवादी चाहते हैं, वही काम ये लोग कर रहे हैं।