जिन्हें प्रदर्शनकारियों ने ही मलबे से बाहर निकाला। लेकिन दीवार के मलबे में दबकर करीब 4 लोग घायल हो गए। प्रदर्शन का अंदाजा शुक्रवार को सुबह उस समय से ही लग गया था जब नगर के बाजार बंद होने शुरू हो गए थे और विशेष रूप से मुस्लिम वर्ग के लोगों ने अपनी अपनी दुकानें बंद रखी। बाद में दूसरे समुदाय के लोगों ने भी अपनी दुकानें बंद कर दी।
इस प्रदर्शन में हजारों की भीड़ जमा रही। लोगों के हाथ में तख्तियां और स्लोगन लिखे हुए कागज थे। लोगों ने सीएए को काला कानून बताते हुए इस पर जमकर हल्ला बोला। हालांकि कई दिनों से पुलिस भी इस मामले को लेकर बहुत ही सक्रिय थी। हजारों की तादाद में नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर निकल आए और मस्जिद रशीद से खानकाह चौक तक लोगों ने इस कानून के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। हालांकि सुबह से ही पुलिस व्यवस्था पूरी तरह चाक चोबंद थी डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल, एसएसपी दिनेश कुमार पी सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे।
उसके बाद भी प्रदर्शनकारियों ने सारी पुलिस व्यवस्था को धता बताते हुए जोरदार प्रदर्शन किया हालांकि प्रदर्शन में किसी तरह की कोई हिंसा नहीं हुई। हालांकि पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की धक्का-मुक्की चलती रही। इसी दौरान एक प्लॉट की दीवार जिस पर बहुत से लोग खड़े होकर प्रदर्शनकारियों को देख रहे थे अचानक भरभरा कर गिर गई और इसमें कई लोग चोटिल हो गए।