भीम आर्मी सेना के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण से याेगी सरकार ने हटाई रासुका उल्लेखनीय है कि 9 मई काे सहारनपुर में भड़की जातीय हिंसा के बाद शासन ने तत्कालीन जिलाधिकारी आैर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक काे हटा दिया था। जिले की कमान आईएएस पीके पांडेय आैर आईपीएस बबलू कुमार काे दी गई थी। इस हिंसा में पुलिस ने चंद्रशेखर काे मुख्य आराेपी बनाया था आैर 5 जून काे डलहाैडी से गिरफ्तारी चंद्रशेखर काे गिरफ्तार कर लिया गया था। 30 अक्टूबर काे चंद्रशेखर काे सभी मुकदमाें में जमानत मिल गई, लेकिन एक नवंबर काे ही जिला प्रशासन की आेर से चंद्रशेखर काे रासुका में निरूद्ध कर दिया गया। यही कारण रहा कि जमानत मिलने के बाद भी चंद्रशेखर की रिहाई नहीं हाे सकी। 2 नवंबर काे अब यह रासुका खत्म हाेनी थी। इसी बीच सरकार ने दाे महीने पहले ही रासुका की कार्रवाई काे वापस लेते हुए चंद्रशेखर की रिहाई के आदेश जारी कर दिए। चंद्रशेखर की मां कमला देवी समेत भीम आर्मी समर्थकाें आैर अन्य संगठनाें ने रासुका के खिलाफ सुप्रीम काेर्ट में भी अपील की थी। इसके बाद सरकार ने भीम आर्मी प्रमुख से रासुका हटाने का निर्णय लेते हुए रिहा करने के आदेश जारी कर दिए।
योगी मंत्रिमंडल विस्तार में वेस्ट यूपी से इन्हें मिल सकती है जगह, मिशन 2019 को लेकर तय होगा प्रतिनिधित्व! भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण से रासुका वापस लेने और रिहा करने की खबर सुनते ही समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। हजारों की संख्या में भीम आर्मी कार्यकर्ता और उनके समर्थक जेल के बाहर पहुंच गए। गुरुवार आधी रात भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण को जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से रिहा होते चंद्रशेखर उर्फ रावण ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अब इस सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे। वहीं जेल से रिहा होते ही हजारों की संख्या में जेल के बाहर खड़े समर्थकों ने चंद्रशेखर बड़ी ही गर्मजोशी से स्वागत किया।