सोमवार को सुबह से रोज की तरह आचार्य विद्यासागर का पूजन भक्तिभाव से भक्तों द्वारा किया गया। इस दौरान गुरु उपदेश का लाभ भी सभी को मिला। इस दौरान किसी को भी आचार्यश्री के विहार की भनक तक नहीं थी। बताया गया है कि आचार्यश्री ने कुछ दिन पहले ही संघ के मुनियों को विहार का संकेत दे दिया था। इसके बाद मुनियों, ब्रह्मचारी भैयों द्वारा जिन शास्त्र के बस्ते बंद करना शुरू कर दिए थे। सुबह के आहार के बाद आचार्यश्री सामायिक के लिए बैठते है और दोपहर १ बजकर १० मिनट पर आचार्यश्री संघ के साथ विहार पर निकल जाते है।
भाग्योदय तीर्थ सागर से शुरू हुआ आचार्यश्री का विहार किस होगा संशय की स्थिति आउटर रोड आने तक बनी रही। सागर शहर के लोगों ने गुरुदेव से और आशीर्वाद देने की विनती की, लेकिन गुरु मुस्कराते हुए आगे बढ़ते चलते रहे। विहार की जानकारी समाज में फैलते ही सभी काम छोड़कर विहार में शामिल हुए। इस दौरान पूरे शहर में जय-जय गुरुदेव के जयकारे गुंजायमान थे। आचार्य संघ विहार करते हुए जैसे ही देवरी-नरसिंहपुर रोड पर टर्न हुआ, भक्तों की विहार की दिशा समझ आने लगी। आचार्यश्री इस मार्ग पर विहार करते हुए सांझ तक दूनी स्कूल पहुंच सकते है। १४ किलोमीटर के इस विहार के बाद यहां रात्रि विश्राम संभावित है।
यहां हो सकती है मंगल की आहारचर्या
आचार्य संघ मंगलवार की सुबह विहार शुरू करेंगे। बताया जा रहा है कि आचार्य संघ सुबह से अलग १६ किलोमीटर विहार करते है तो सुरखी में आहारचर्या संभव हो सकती है। इसके अलावा चितौरा ग्राम में भी आहार की संभावना है। सकल जैन समाज सागर, सुरखी द्वारा दोनों ही जगहों पर आहार पडग़ाहन की व्यवस्थाएं शुरू कर दीं गईं है। बड़ी संख्या में लोग भी गुरु के साथ विहार में शामिल है।