यह घास आसपास के गांव वालों को नि:शुल्क देना है और ग्रामीण स्वयं ही घास काटकर ले जाएंगे, जिससे मवेशियों को घास मिल सके। इसके बाद भी वन विभाग के अधिकारी जल्द से जल्द से कटाई के प्रयास नहीं कर रहे हैं।
अभी जमीन में नमी है, जिससे पौधों को पानी की जरूरत नहीं है और कुछ दिनों बाद पौधों को पानी देना शुरू किया जाएगा, इसके लिए वन विभाग के अधिकारी टैंकर की व्यवस्था कराने बीपीसीएल को पत्र भेजेंगे, जिससे समय पर पौधों को पानी उपलब्ध हो सके।
डिप्टी रेंजर ओपी शिल्पी ने बताया कि घास की कटाई ग्रामीण कर रहे हैं, लेकिन वह पेड़ों को भी क्षति पहुंचा रहे थे, इसलिए अलग-अलग सेक्टर में चौकीदार की निगरानी में कटाई कराई जा रही है। कुछ दिनों में ही घास की कटाई हो जाएगी। साथ ही चारों तरफ फायर पट्टी बनाई जाएगी, जिससे बाहर से आग अंदर न पहुंच सके। पौधों को पानी देने के लिए टैंकर की व्यवस्था के लिए बीपीसीएल को पत्र भेजा जाएगा।