डब्ल्यूसीआरएमएस कर चुका है मांग
एनएफआइआर/वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ ने रेलवे बोर्ड से कीमैन व ट्रैकमैन के रनओवर की घटनाओं को रोकने के लिए रक्षक डिवाइस की मांग रखी थी, लेकिन रेलवे बोर्ड के एप्रूवल के बाद भी यह डिवाइस जोन से रेलकर्मियों के लिए नहीं दी गई है, जिसके बाद जोनल महामंत्री अशोक शर्मा ने अधिकारियों से जल्द से जल्द डिवाइस देने की मांग की है।
एनएफआइआर/वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ ने रेलवे बोर्ड से कीमैन व ट्रैकमैन के रनओवर की घटनाओं को रोकने के लिए रक्षक डिवाइस की मांग रखी थी, लेकिन रेलवे बोर्ड के एप्रूवल के बाद भी यह डिवाइस जोन से रेलकर्मियों के लिए नहीं दी गई है, जिसके बाद जोनल महामंत्री अशोक शर्मा ने अधिकारियों से जल्द से जल्द डिवाइस देने की मांग की है।
ऐसे काम करती है डिवाइस
डिवाइस के पहले हिस्से में स्टेशन पर ट्रांसमीटर व टावर लगाए जाते हैं। दूसरे में ट्रैक पर काम करने वाले रेलकर्मी को रिसीवर यानी रक्षक फोन दिया जाता है। मान लीजिए, स्टेशन ए व बी के बीच मेंटेनेंस का काम चल रहा है तो ए से ट्रेन रवाना होते ही स्टेशन पर लगे ट्रांसमिटर व टावर से रेडियो तरंगों से सूचना रेलकर्मी के पास वायरलेस पर तत्काल पहुंच जाएगी और उसका बजर तेज आवाज करने लगेगा, इससे रेलकर्मी अलर्ट हो जाएंगे। इतना ही नहीं अप व डाउन लाइन से आने वाली ट्रेनों पर अलग-अलग आवाजें आएंगी।
डिवाइस के पहले हिस्से में स्टेशन पर ट्रांसमीटर व टावर लगाए जाते हैं। दूसरे में ट्रैक पर काम करने वाले रेलकर्मी को रिसीवर यानी रक्षक फोन दिया जाता है। मान लीजिए, स्टेशन ए व बी के बीच मेंटेनेंस का काम चल रहा है तो ए से ट्रेन रवाना होते ही स्टेशन पर लगे ट्रांसमिटर व टावर से रेडियो तरंगों से सूचना रेलकर्मी के पास वायरलेस पर तत्काल पहुंच जाएगी और उसका बजर तेज आवाज करने लगेगा, इससे रेलकर्मी अलर्ट हो जाएंगे। इतना ही नहीं अप व डाउन लाइन से आने वाली ट्रेनों पर अलग-अलग आवाजें आएंगी।