बता दें कि लॉकडाउन के 35 दिन तक रीवां ग्रीन जोन में रहा। लेकिन अब ऑरेंज जोन में पहुंचने का खतरा मंडराने लगा है। वजह एक साथ एक चिकित्सक परिवार की दो महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब इन दोनों पॉजिटिव पेशेंट के संपर्क में आने वालों की तलाश शुरू कर दी गई है। अगर वो भी पॉजिटिव आते हैं तो रीवा को ऑरेंज जोन में जाने से कोई नहीं बचा पाएगा। फिलहाल पॉजिटिव पाई गईं दोनों महिलाओं को संजय गांधी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया है।
बता दें कि शहर के वार्ड नंबर -11, इंदिरा नगर निवासी डॉ राजेश सिंहल पहले ही कोरोना पॉजिटिव घोषित हो चुके थे। अब उनके परिवार के दो अन्य सदस्यों के भी पॉजिटिव आने के बाद स्थिति गंभीर हो गई है। प्रशासन ने कंटेनमेंट एरिया भी बढ़ा दी है। इसके चलते इस इलाके में नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा व महिला बाल विकास की टीम को भी तैनात किया गया है। ये टीम लोगों के घर-घर जा कर एक-एक व्यक्ति की स्क्रीनिंग करेगी। लोगो के कांटैक्ट व ट्रैवेल हिस्ट्री को खंगाला जाएगा। सभी संबंधित घरों की नंबरिंग होगी ताकि भविष्य में यह पता चल सके कि किस नंबर के मकान में क्या रिपोर्ट मिली थी।
कोरोना नोडल अधिकारी अक्षय श्रीवास्तव के अनुसार डॉ सिंघल के सीधे संपर्क में आए 38 लोगों में से 28 की रिपोर्ट आ गई है जिसमें 26 निगेटिव हैं। लेकिन इन्हें किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। सभी को होम क्वारंटीन में रहना होगा। इनका दोबारा टेस्ट कराया जाएगा क्योंकि कभी-कभी इम्यून सिस्टम ठीक होने के चलते भी रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है। ऐसे में सैंपल टेस्ट तब तक जारी रहेंगे जब तक कि पूरू तरह से संक्रमण मुक्त होने का यकीन न हो जाए।
“कोरोना प्रोटोकॉल के तहत दोनों पॉजिटिव मरीजों को इंदिरा नगर से संजय गांधी अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया है। इनके संपर्क में आए लोगों के नमूने लिए गए हैं। कंटेनमेंट एरिया का दायरा बढ़ा कर सर्वे कराया जा रहा है। कंटेनमेंट एरिया में जनता की सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा, इसके लिए अधिकारियों का दायित्व निर्धारित कर दिया गया है।” बसंत कुर्रे, डीएम रीवां