हार्ट में सीआरटी-डी, चालान प्रणाली गति, बांया मुख्य द्विभाजन, एआईसीडी, अल्कोहल सेप्टल एब्लेशन, वृक्क धमनी एम्बोलिजेशन जैसे आपरेशन रीवा में हुए है। रीवा संजय गांधी अस्पताल के डाक्टरों ने दो मरीजों के जबड़ा ट्रांसप्लांट का सफल आपरेशन किया है जो पहले कभी रीवा नहीं हुआ है।
सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई
रीवा के शासकीय नर्सिंग कालेज की मान्यता समाप्त हो गई थी और यहां अध्ययनरत छात्राओं का भविष्य में अंधकारमय हो गया था। एक वर्ष के भीतर ही नवीन बिल्डिंग सहित तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई जिसके बाद नर्सिंग कालेज की मान्यता बहाल हो गई। अस्पताल की क्षमता में बढ़ोत्तरी की जा रही है और अतिरिक्त वार्डों के निर्माण का काम चल रहा है। इसके अतिरिक्त कई नए विभाग भी स्थापित करवाये जायेंगे।
डिप्टी सीएम बनने के बाद डाक्टर और ड्रेसर मिले
डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला के गृहग्राम ढेरा के शासकीय अस्पताल की हालत खस्ता है। हालांकि यहां डाक्टर पदस्थ नहीं थे लेकिन उनके डिप्टी सीएम बनने के बाद एक चिकित्सक और ड्रेसर के यहां पदस्थापना हुई है। यहां पर हर दिइन की ओपीडी 80 से 100 के बीच रहती है। अस्पताल में कोई नर्स पदस्थ नहीं है बल्कि दो एएनएम के भरोसे काम होता है। अस्पताल में हर माह चालीस से पचास के लगभग डिलेवरी होती है। वर्तमान में ढेरा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 6 बिस्तरों का अस्पताल है जिसमें सुविधाओं की काफी कमी है। ये भी पढ़ें: खुशखबरी- 6 दिन बंद रहेंगे स्कूल, बच्चों-टीचर्स दोनों की रहेगी छुट्टी मऊगंज अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी, कई विभागों के नहीं है चिकित्सक
मऊगंज अब नया जिला बन गया है जहां पर स्वास्थ्य सुविधाओं में आंशिक सुधार हुआ है। मऊगंज सिविल अस्पताल में अधिकांश विभागों के पद खाली पड़े हुए है। मऊगंज में वर्तमान समय में दो स्पेशलिस्ट और तीन मेडिकल आफीसर पदस्थ है जबकि अस्पताल में 10 चिकित्सकों के पद स्वीकृत है। अस्पताल में कोई महिला चिकित्सक नहीं है। इसके अतिरिक्त सर्जरी, आर्थोपेडिक, नेत्र रोग के विशेषज्ञ अस्पताल में नहीं है। अस्पताल में नर्स के 20 पद स्वीकृत है जबकि यहां पर 14 नर्स पदस्थ है। सिविल अस्पताल में ड्रेसर की पदस्थापना नहीं है बल्कि मलैगवां के ड्रेसर को अस्पताल में बुलवाकर काम कराया जाता है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सगरा का नया भवन, सुविधाओं के विस्तार की तैयारी
डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला के एक वर्ष के कार्यकाल में रीवा विधानसभा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खंडहर मकान से निकलकर नए भवन में शिफ्ट हो गया है। सगरा में करीब 30 बिस्तर का अस्पताल भवन बनकर तैयार हो गया है जिसमें प्रारंभिक तौर पर अस्पताल का संचालन भी शुरू हो गया है। हालांकि अस्पताल की बिल्डिंग अभी स्वास्थ्य विभाग को हैण्डओवर नहीं हुई है और संसाधन व स्टाफ भी उपलब्ध नहीं हो पाया है जो प्रक्रिया में है। जल्द यह अस्पताल सर्वसुविधाओं से सुसज्जित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बन जायेगा जिसमें कर्मचारियों के रहने के लिए आवास भी बनवाए जा रहे है।
हर दिन 50 से अधिक मरीजों को इलाज देता है प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र
रीवा विधानसभा के लौआ लक्ष्मणपुर में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हर दिन 50 के लगभग मरीजों को उपचार देता है। यहां पर एक एलोपैथिक व एक आयुर्वेद के चिकित्सक पदस्थ है। इसके अतिरिक्त दो फार्माशिष्ट, लैब टेक्नीशियन, नर्स व स्टाफ नर्स 4, वार्ड ब्वाय, एमपीडब्लू, सफाई कर्मचारियों की पदस्थापना की गई है। अस्पताल में करीब पन्द्रह तरह की जांच मरीजों की होती है और शेष जांच का सेम्पल लेकर टेक्निीशियन गुढ़ लेकर जाता है। अस्पताल में भवन की समस्या काफी समय से आड़े आ रही है। मरीजों की संख्या के हिसाब से अस्पताल के पास भवन नहीं है। इसके अतिरिक्त बाऊंड्री का अभाव होने से सुरक्षा का भी अभाव रहता है।
क्या हुआ नया बदलाव
1- सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में नयी कैथलेक मशीन, एमआरआई मशीन लगवाई जा रही है। 2- अस्पताल में मेमोग्राफी मशीन लगवाई जा रही है जो महिलाओं के ब्रेस्ट कैंसर के उपचार में मदद करेगी। 3- अस्पताल में सेंटर आफ एक्सीलेंस बन गया है जो अनुवांशिक बीमारी के इलाज में काम आता है। खून के हिमोग्लोबिन में होने वाली बीमारी का यह गर्भ में ही पता लगा लेगा और बच्चों का समय रहते उपचार हेा जायेगा।
4- अस्पताल की क्षमता का विस्तार किया जा रहा है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 200 नए बेड की क्षमता बढ़ार्ठ जा रही है। वहीं कैंसर, क्रिटिकल केयर के लिए 250 बिस्तरा का भवन बनवाया जा रहा है। बच्चों और महिलाओं के लिए 700 बिस्तरा का अस्पताल बन रहा है।
5- अस्पताल में चिकित्सकों के लिए 144 नए आवासों का निर्माण कराया जा रहा है। वर्तमान में चिकित्सक वर्षों पुराने आवास में रह रहे है जिनसे उनको मुक्ति मिलेगी। 6- अस्पताल में नयी ओपीडी और आपातकालीन वार्ड का निर्माण कराया जा रहा है जिससे गंभीर रूप से पीडि़त मरीजों का तत्काल उपचार संभव हो सकेगा।
7- आऊटसोर्स कर्मचारियों की मदद से अस्पताल में 83 प्रकार की जांच कराई जा रही है। 8- चिकित्सालय में संचालित अनुसंधान केन्द्र रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट को प्रथम स्थान मिला है। 9- कैन्ट किट्स संस्था द्वारा बाल्य एवं शिशु रोग विभाग में विभिन्न मरीजों में ब्लड कैंस की जांच हेतु यूनिट
10- अस्पताल में आऊटसोर्स कर्मचारियों के स्वीकृत पदो में वृद्धि की गई और दो गुना पद बढ़ाये गये। 11- जेल अभिरक्षा में बंदियों को टेली माध्यम से चिकित्सकीय परीक्षण किया जा रहा है।
12- मरीजों को सस्ते दर पर दवाईयां उपलब्ध करवाने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधी केन्द्र का शुभारंभ किया गया। 13- जिले के ग्रामीण इलाकों में 142 नए स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये है।
14- जिला अस्पताल को 100 बिस्तर से बढ़ाकर 200 बिस्तरा अस्पताल किया जा रहा है। यहां पर नया ओपीडी भवन पूर्ण होने की कगार पर है। 15- जिले में आठ नए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द स्वीकृत किये गये है जिससे स्थानीय स्तर पर मरीजों को उपचार उपलब्ध हो सकेगा।