लता टंडन के पिता नारायण डिगवानी ने कहा कि वह बचपन से ही किसी कार्य के लिए पूरी तन्मयता से लगती थी। हर चुनौती को जिद के रूप में पूरा करती आ रही है। इसलिए भरोसा है कि वह अमेरिका का रिकार्ड तो तोड़ेगी ही, साथ ही नया रिकार्ड भी बनाएगी जो लंबे समय तक कायम रहेगा। उन्होंने कहा कि रीवा शहर के लोगों का जो समर्थन मिल रहा है, उससे नई ऊर्जा लता को मिल रही है।
एशिया बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड एवं इंडिया बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड की टीम के प्रतिनिधि 6 सितंबर को सुबह रीवा पहुंच गई। इसमें अमित कुमार जैन और डॉ. मनीष कुमार शर्मा शामिल हैं। करीब चार से पांच घंटे का समय इन्हें सत्यापित करने में लगेगा।
जो भोजन पकाया जा रहा है, वह साईं प्रसाद के रूप में वितरित किया जा रहा है। दोपहर चावल, दाल, राजमा, छोला आदि वितरित किया गया। बड़ी संख्या में लोग प्रसाद लेने पहुंचे। जानकारी मिली है कि करीब 25 हजार से अधिक की संख्या में लोग चार दिनों में प्रसाद ग्रहण कर चुके हैं।
गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने के लिए केन्या की मलीहा मोहम्मद ने भी 15 से 19 अगस्त के बीच यह कारनामा करने का दावा किया है। उनकी ओर से दावा किया गया है कि 75 घंटे तक भोजन पकाया है। अभी मलीहा का नाम गिनीज बुक ने घोषित नहीं किया है। इसलिए लता टंडन अब 78 से 80 घंटे तक भोजन पकाने की तैयारी कर रही हैं। गिनीज बुक रिकार्ड में दर्ज होने से पहले दोनों के कार्यों की आडिट होगी, इसमें करीब तीन सप्ताह का समय लगेगा।