रीवा संभाग उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा से जुड़ा है। इस कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में वन संपदा का दोहन सबसे अधिक हो रहा है। शिकायतें भी इन्हीं स्थानों से आ रही हैं। बताया गया है कि २३४ ऐसी शिकायतें लंबित हैं जिसमें वन भूमि से खनिज का उत्खनन, लकडिय़ों की तस्करी आदि के मामले हैं। इस तरह के कई मामले विधानसभा में भी पूर्व में उठाए गए थे।
– सिंगरौली – 1339
– सीधी – 1197
– शहडोल -978
– उमरिया – 943
– सिवनी – 819
– सागर- 808
– शिवपुरी – 755
– छतरपुर – 683
– सतना-650
– रीवा- 604
– पन्ना – 573
रीवा संभाग में जंगलों की आने वाली शिकायतों की समीक्षा के प्रति विभाग के अधिकारियों का उदासीन रवैया इनकी संख्या में इजाफा कर रहा है। बीते महीने सीएम हेल्प लाइन से आने वाली शिकायतों पर संपर्क या समाधान किए बिना ही सीसीएफ ने फोर्स क्लोजर का निर्देश दे दिया था, जिसके चलते फिर से उन्हीं समस्याओं को हेल्पलाइन के माध्यम से दर्ज कराया गया है। बताया जा रहा है कि डीएफओ स्तर पर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है, इसी वजह से एल-३ एवं एल-४ लेवल तक शिकायतें पहुंच रही हैं।
जनसुनवाई- सीधी 110, सिंगरौली 85, सतना 19, रीवा 13।
सीएम हेल्पलाइन- सिंगरौली 1235, सीधी 994, सतना 609, रीवा 570।
एमपी समाधान – सीधी 93, सतना 27, रीवा 21 एवं सिंगरौली 19।
वन क्षेत्रों में पर्यटकों का आकर्षण बढ़ाने के लिए कई पिकनिक स्पॉट हाल ही में विकसित किए गए हैं। इसके बाद भी पर्यटन से जुड़ी शिकायतें चिंता बढ़ा रही हैं। सिरमौर में ७० लाख रुपए खर्च के दौरान अनियमितताओं की बात भी सामने आ रही है। पर्यटन से जुड़ी संभाग की २४९ शिकायतें तीन महीने के भीतर आई हैं। जिससे स्पष्ट हो रहा है कि इस क्षेत्र में भी कार्य विभाग द्वारा नहीं किया गया है।