नकदी, सोना, चांदी और बैंक एफडी बरामद किया था सेंड्रीज घोटाले की गवाही के दौरान कोर्ट में तत्कालीन डीएसपी हेडक्आर्टर उपस्थित हुए। इस दौरान डीएसपी ने गवाही के दौरान बताया कि दिसंबर 2015 में डभौरा के तत्कालीन एसडीओपी सुजीत बरकड़े और पनवार थाना प्रभारी अरुण ङ्क्षसह से नकदी, सोना, चांदी और बैंक एफडी बरामद किया था। आरोपियों से बरामद की गई राशि में अधिकारियों पर गड़बड़ी का आरोप लगा था। इस दौरान सोलह आरोपियों के वकीलों ने डीएसपी हेडक्आर्टर की कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्तों के दस्तावेज नहीं हैं। पुलिस ने गलत तरीके से फंसाया है। कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक सचिव द्विवेदी ने बताया कि कोर्ट में सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक प्रक्रिया चली। इस दौरान आरोपियों के वकीलों ने गवाह से क्रास किया।
एसडीओपी व थाना प्रभारी ने बरामद की गई राशि में की थी गड़बड़ी
तत्कालीन एसडीओपी डभौरा और तत्कालीन थाना प्रभारी पनवार ने सेंड्रीज घोटाले के पकड़े गए मुख्य आरोपी राकृष्ण मिश्रा समेत तीन आरोपियों से 76 लाख रुपए, सोने की बिस्किट, जेवरात और बैंक एफडी व पासबुक बरामद किए थे। लेकिन, रेकार्ड में महज 13 लाख रुपए दिखाया था। जिसमें आरोपियों की ओर से उठाए गए सवाल पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने तत्कालीन डीएसपी हेडक्आर्टर से जांच कराई। जिसमें एसडीओपी और थाना प्रभारी के द्वारा राशि की 59 लाख रुपए समेत सोना, चंादी आदि सामग्री में गड़बड़ी की गई थी। तत्कालीन डीएसपी ने पुलिस अधिकारियों से गड़बड़ी की गई राशि को तत्काल जब्त किया गया।
सतना के नया गांव थाना क्षेत्र चित्रकूट में पकड़ गए थे आरोपी
तत्कालीन एसडीएपीओ डभौरा और पनवार थाना प्रभारी ने सेंड्रीज घोटाले के मुख्य आरोपी रामकृष्ण मिश्रा, अंजनी मिश्रा और प्रणवेश मिश्रा को चित्रकूट में गिरफ्तार किया गया था। आरोपी सतना जिले के नया थाना क्षेत्र में छिपे हुए थे।