निर्जला एकादशी व्रत 2022 में कब है?
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ज्येष्ठ मास की एकादशी तिथि की शुरुआत 10 जून को सुबह 7 बजकर 25 मिनट से होकर इसका समापन 11 जून को सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर होगा। वहीं निर्जला एकादशी का व्रत 10 जून को शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इसके अलावा इस व्रत का पारण 11 जून, शनिवार को सुबह 5 बजकर 49 मिनट से 8 बजकर 29 मिनट के मध्य किया जाएगा।
निर्जला एकादशी पूजा विधि:
निर्जला एकादशी वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने सभी कार्य निपटा लें और फिर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मन में भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद घर से पूजा स्थल में एक चौकी लगाकर उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछा लें। इस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
तत्पश्चात एक फूल को जल में डुबोकर उससे जल अर्पित करके शुद्धि करें। अब वहीं आसन बिछाकर बैठ जाएं। इसके बाद भगवान विष्णु को पीला चंदन, अक्षत, पीला फूल और माला अर्पित करें। फिर भोग के साथ ही तुलसी दल चढ़ाएं। अब धूप और एक घी का दीपक जलाकर श्री विष्णु के मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप और पूजा के अंत में अब श्रीहरि की आरती करें। इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को पूरा दिन निर्जल रहना पड़ता है और फिर अगले दिन सूर्योदय होने के पश्चात ही जल का सेवन किया जाता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)