मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दौरान सादा नमक, चावल, अनाज और लाल मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही फलाहार करने वाले लोगों को बार-बार फलाहार करके मुंह झूठा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे व्रत नहीं लगता है। दिन में केवल एक बार ही फलाहार करना चाहिए।
प्रदोष व्रत में कभी भी कटे-फटे कपड़े नहीं पहनने चाहिए। सुबह स्नान के बाद साफ-सुथरे वस्त्र ही धारण करें।
शास्त्रों के अनुसार भगवान भोलेनाथ की पूजा में लाल सिंदूर का इस्तेमाल करने की मनाही होती है। क्योंकि भगवान भोलेनाथ को संहारक के रूप में पूजा जाता है इसलिए उन पर लाल सिंदूर चढ़ाना शुभ नहीं माना जाता। आप उनकी पूजा में ठंडी प्रकृति वाले चंदन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
हिंदू धर्म में श्रीफल यानी नारियल को पूजापाठ और हवन आदि में बहुत शुभ माना जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि प्रदोष व्रत में पूजा के दौरान भगवान शिव को नारियल का पानी अर्पित नहीं करना चाहिए क्योंकि नारियल को लक्ष्मी जी का स्वरूप माना जाता है इसलिए शास्त्रों के अनुसार नारियल के पानी से भोलेनाथ का अभिषेक करना वर्जित है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)