रविवार और मंगलवार को पूजा फलदायिनी है माना जाता है कि काल भैरव की आराधना से शत्रु मुक्ति, संकट और कोर्ट-कचहरी के मुकदमों में विजय प्राप्त होती है। इसके अलावा इनकी पूजा करने से शनि का प्रकोप भी शांत हो जाता है। कहा जाता है कि रविवार और मंगलवार को काल भैरव की पूजा करना बहुत ही फलदायी होता है।
शीघ्र फल देने वाले हैं काल भैरव शास्त्रों के अनुसार, कलियुग में काल भैरव, हनुमान जी और काली मां की पूजा-उपासना करने से शीघ्र फल प्राप्त होता है। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए उनकी किस प्रकार पूजा करना चाहिए…
काल भैरव की पूजा रविवार के दिन करना अति शुभ माना गया है। इसके अलावा शनिवार के दिन भी काल भैरव की पूजा की जा सकती है। काल भैरव का वाहन कुत्ता है। इसलिए शनिवार के दिन काले कुत्ते को गुलगुले बनाकर खिलाने से काल भैरव शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।
कैसे करें उपासना पूर्व दिशा में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर काल भैरव की फोटो रखें। इसके बाद ईशान कोण में सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ये सब करने के बाद सामने लाल आसन बिछाकर बैठ जाएं और हाथ में थोड़ा सा जल लेकर संकल्प लें ताथा मंत्र जप शुरू करें।
40 दिन तक लगातार इस साधना को करें। 40 दिनों तक आप जितने मंत्र जप किए हैं, उसके 10वां भाग से आहुति देकर हवन करें। माना जाता है कि इस मंत्र साधना से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां दूर होने लगती है और साधक को सभी प्रकार के सांसारिक दुखों से छुटकारा मिल जाता है।