scriptदिशाशूल क्या होता है, इन्हें जानना क्यों है जरूरी | What is dishashool why know them | Patrika News
धर्म और अध्यात्म

दिशाशूल क्या होता है, इन्हें जानना क्यों है जरूरी

हर व्यक्ति रोजाना कहीं न कहीं और किसी न किसी काम से यात्रा करता है। कई बार यह यात्रा तकलीफदेह बन जाती है, इसमें कष्ट मिलता है यानी यात्रा में बाधा आती है या इस दिशा में किसी काम के लिए जाने पर काम पूरा नहीं होता यानी काम में बाधा आ जाती है। ज्योतिष शास्त्र में इसी को दिशाशूल कहा गया है यानी यात्रा बाधा।

Dec 15, 2022 / 05:38 pm

shailendra tiwari

What is dishashool why know them

भारतीय समाज में दिशाशूल विचार का प्रचलन है। इसके यह नियम हैं।

भोपाल. भारतीय समाज में प्राचीनकाल से ज्योतिष शास्त्र का काफी प्रचलन रहा है। किसी भी काम करने से पहले ग्रह नक्षत्रों की चाल का ध्यान रखने की परंपरा है। यात्रा को लेकर भी वक्त समय, दिन और दिशा आदि का ध्यान रखने का रिवाज है। यात्रा के लिए न सिर्फ दिशाशूल की पहचान की गई है, बल्कि उसके प्रभाव को बेअसर करने या कम प्रभावी बनाने के उपायों की भी पहचान की गई है, ताकि यात्रा को निष्कंटक बनाया जाय।

इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। बताया गया है कि खास दिन किस दिशा में यात्रा करना ठीक है या नहीं और दिशाशूल के दिन यात्रा करना जरूरी हो तो उसके लिए क्या उपाय किया जाय ताकि यात्रा सुखद और आरामदायक रहे।
ये भी पढ़ेंः खरमास की कथा, जानें क्यों माना जाता है इस माह को अशुभ

किस दिशा में किस दिन दिशाशूलः प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के मुताबिक सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से दिशाशूल लगता है।

वहीं पश्चिम दिशा में रविवार और शुक्रवार को दिशाशूल लगता है। आचार्य प्रदीप के मुताबिक गुरुवार को दक्षिण दिशा में जाने पर दिशाशूल लगता है, जबकि मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा में जाने पर दिशाशूल लगता है। यह भी कहा जाता है कि रविवार, गुरुवार और शुक्रवार के दोष रात में प्रभावी नहीं होते, जबकि सोम मंगल शनि के दोष दिन में प्रभावी नहीं होते। लेकिन बुधवार के दिशाशूल से बचना चाहिए। हालांकि एक ही दिन में कहीं जाकर लौटना हो तो दिशाशूल देखने की जरूरत नहीं होती।
ये भी पढ़ेंः मेष राशिफल 2023: मेष राशि के लोगों के लिए कैसा रहेगा आने वाला साल

दिशाशूल से बचने के उपायः आचार्य प्रदीप के मुताबिक अगर दिशाशूल के दिन यात्रा करना जरूरी ही हो तो रविवार को पान या घी खाकर, सोमवार को आईना देखकर या दूध पीकर, मंगल को गुड़ खाकर, बुधवार को धनिया या तिल खाकर, गुरुवार को जीरा या दही खाकर, शुक्रवार को दही पीकर, शनिवार को अदरक या उड़द खाकर यात्रा शुरू की जा सकती है।

Hindi News/ Astrology and Spirituality / Religion and Spirituality / दिशाशूल क्या होता है, इन्हें जानना क्यों है जरूरी

ट्रेंडिंग वीडियो