यह पेड़ इतना VVIP है जिसकी सुरक्षा में 24 घंटे व सातों दिन गार्ड्स तैनात रहते हैं। ऐसे में यदि इस पेड़ से एक पत्ता भी टूटता है तो इसकी सुरक्षा में लगे प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच जाती हैं। दरअसल यह अतिविशिष्ट पेड़ मध्यप्रदेश की राजधानी के पास स्थित सांची में है।
दरअसल सांची और सलामतपुर के बीच हाईवे के किनारे एक छोटी सी पहाड़ी पर एक पेड़ सुरक्षा जालियों के बीच लहलहा दिखता है। जिसे अधिकांश लोग सामान्य तौर पर पीपल का पेड़ समझ लेते हैं, लेकिन इस पेड़ की इतनी कड़ी सुरक्षा को देखकर वे चौंक भी जाते हैं।
पीएम मोदी के लिए भी है खास
आपको बता दें ये पेड़ इसलिए खास है क्योंकि ये बोधि वृक्ष है और इसे श्रीलंका के राष्ट्रपति ने द्वारा रोपा गया था। वहीं पीएम मोदी भी अपनी विदेश यात्रा के दौरान बौद्ध धर्म को मानने वाले कई देश के प्रतिनिधियों को ये पौधा भेंट कर चुके हैं। ऐसे में इसके पौधों से पीएम मोदी का भी खास नाता माना जाता है।
यह पेड़ के वाकई बहुत खास होने का मुख्य कारण ये हैं कि ये बौद्ध धर्म के अनुयाईयों के लिए यह श्रद्धा का केंद्र है। वहीं प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के लिए श्रीलंकाई राष्ट्रपति की सौगात। दरअसल करीब 9 साल पहले 21 सितंबर 2012 को श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंद्र राजपक्षे ने इस पहाड़ी पर एक पौधा रोपा था। जो धीरे-धीरे वृक्ष का रूप ले चुका है।
भगवान गौतम बुद्ध ने पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर बौधित्व को प्राप्त किया था। अत: बौद्ध धर्म में इस बोधि वृक्ष कहा जाता है। बौद्ध अनुयाईयों के लिए यह पेड़ श्रद्धा और आस्था का केंद्र है।
वैज्ञानिकों की देखरेख में तैयार होते हैं पौधे
बताया जाता है कि बोधि वृक्ष के पौधे देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों की देखरेख में तैयार किए जाते हैं। दरअसल बोधि वृक्ष दुनिया भर के बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों की आस्था का प्रतीक है और हमारे देश में भी ये पूजनीय है।
युनिवर्सिटी पहाड़ी पर रोपा गया था पौधा
दरअसल सांची और सलामतपुर के बीच हाईवे किनारे एक छोटी सी पहाड़ी पर 21 सितंबर 2012 को श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे बौद्ध युनिवर्सिटी की आधारशिला रखने आए थे। उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ उन्होंने पहाड़ी बोधि वृक्ष (पौधा) रोपा था। तब से आज तक इसकी सुरक्षा की जा रही है।
यहां इस पौधे को लोहे की जालियों से घेरकर सुरक्षित किया गया साथ ही पुलिस के जवान भी इसकी सुरक्षा में तैनात किए गए। पौधे से वृक्ष का रूप ले चुके इस बोधि वृक्ष की सुरक्षा को लेकर आज तक व्यवस्था की जाती है। इसके अलावा यहां हमेशा पानी का एक टेंकर खड़ा रहता है। ऐसे में अब तक इस वृक्ष की सुरक्षा में लाखों रुपए खर्च ( सरकार इसके मेंटेनेंस पर हर साल करीब 12 लाख रुपए खर्च करती है ) किए जा चुके हैं। इस वृक्ष का एक पत्ता भी सूखता है तो प्रशासन में भागदौड़ मच जाती है। वहीं पहाड़ी पर किसी भी अंजान व्यक्ति को चढ़ने की इजाजत नहीं है।