बता दें कि एक शालिग्राम नाम का पत्थर होता है, जिसे
तुलसी के पौधे में जड़ के पास रखना चाहिए। ऐसी मान्यताएं हैं कि तुलसी के पौधे के साथ ही शालिग्राम की रोज़ाना पूजा करने से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं। कहा जाता है कि शालिग्राम पत्थर साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप है। इसलिए धन की देवी मां लक्ष्मी इससे काफी खुश होती हैं और भक्तों की गरीबी को दूर कर उनके घर में बरक्कत लाती हैं।
शास्त्रों में कहा गया है कि जो लोग तुलसी के साथ-साथ शालिग्राम पत्थर की भी रोज़ाना पूजा करते हैं, उस घर से दरिद्रता कोसों दूर रहती है। इतना ही वहीं घर-परिवार में सुख-शांति भी बनी रहती है। बताते चलें कि पत्थर के स्वरूप में धरती पर रह रहे भगवान विष्णु शालिग्राम के रूप को तुलसी के साथ विवाह करने से घर में व्याप्त धन की कमी, क्लेश, कष्ट और रोग भी दूर हो जाते हैं। शालिग्राम को तुलसी के साथ रखने के साथ ही घर के किसी पवित्र स्थान या
मंदिर में भी स्थापित किया जा सकता है। जहां आप शालिग्राम की विधिवत पूजा कर सकें। बता दें कि शालिग्राम पत्थर कई प्रकार के होते हैं। जिनमें शंख, गदा या चक्र जैसे चिह्न बने होते हैं।