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Jyeshth mass 2023: शनिवार को 6 मई से शुरू हो जाएगा ज्येष्ठ का महीना, हनुमान जी की पूजा का है विशेष महत्व, जानें नियम भी

Jyeshth Mass 2023 start date and significance, know teej-tyohar: यह महीना बेहद पवित्र और ग्रह दोषों से मुक्ति दिलाने वाला महीना माना गया है। इस महीने में पूजा-पाठ और दान-पुण्य का विशेष महत्व माना गया है। इस महीने में निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा जैसे महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। पत्रिका.कॉम के इस लेख में जानें ज्येष्ठ महीने का महत्व…

May 03, 2023 / 05:26 pm

Sanjana Kumar

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Jyeshth Mass 2023 start date and significance, know teej-tyohar: हिंदू पंचांग का तीसरा महीना यानी ज्येष्ठ का महीना जल्द ही शुरू होने वाला है। ज्येष्ठ के महीने में गर्मी अपने पीक पर होती है। सूर्य के तेज प्रकाश के कारण नदी और तालाब सूख जाते हैं। इसीलिए इस महीने में जल का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ के महीने में पवन पुत्र हनुमान की पूजा की जाती है। इनके साथ ही इस महीने में सूर्य देव और वरुण देव की भी विशेष पूजा-अर्चना का विधान माना गया है। आपको बता दें कि वरुण जल के देवता हैं और सूर्य देव अग्नि के वहीं, हनुमान जी को कलयुग देवता माना जाता है। यह महीना बेहद पवित्र और ग्रह दोषों से मुक्ति दिलाने वाला महीना माना गया है। इस महीने में पूजा-पाठ और दान-पुण्य का विशेष महत्व माना गया है। इस महीने में निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा जैसे महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। पत्रिका.कॉम के इस लेख में जानें ज्येष्ठ महीने का महत्व…

कब शुरू हो रहा है ज्येष्ठ का महीना 2023
हिंदू पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ का महीना इस बार 6 मई 2023, शनिवार के दिन से शुरू हो रहा है। वहीं इसका समापन 4 जून 2023, रविवार के दिन होगा। इसके बाद आषाढ़ महीना लग जाएगा। माना जाता है कि ज्येष्ठ के इस महीने में जल संरक्षण करने, पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों के लिए जल उपलब्ध कराने से जीवन के सारे दुख, कष्ट दूर हो जाते हैं। वहीं आपके पूर्वज भी आपसे खुश रहते हैं और आप पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं।

 

ज्येष्ठ महीने का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ के महीने में हनुमान जी पहली बार भगवान राम से मिले थे। इसीलिए इस महीने में मंगलवार के व्रत रखने का विधान है। जिसका व्यक्ति को विशेष फल मिलता है। वहीं हनुमान जी की कृपा से हर कष्ट दूर होता है। ज्येष्ठ के महीने में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे महत्वपूर्ण व्रत-त्यौहार मनाए जाएंगे। वहीं इस महीने में कुछ महत्वपूर्ण ग्रह भी अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे। ग्रहों के इन गोचर का प्रभाव राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर पड़ेगा।

ज्येष्ठ महीने के जरूरी नियम
इस महीने में इन नियमाें का पालन जरूर करना चाहिए…

– ज्येष्ठ के महीने में बिस्तर के बजाय जमीन पर सोना चाहिए।
– ज्येष्ठ के महीने में भगवान की पूजा में चंदन का प्रयोग करना चाहिए।
– ज्येष्ठ के महीने में मंदिर के पास हमेशा जल से भरा एक कलश रखना चाहिए।
– ज्येष्ठ के महीने में माह में पेड़-पौधों को हाथ नहीं लगाना चाहिए।
– ज्येष्ठ के महीने में नारंगी रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
– ज्येष्ठ के महीने में सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
– इस महीने में जगह-जगह प्याऊ लगवाने चाहिए।
– ज्येष्ठ के महीने में पेड़-पौधों को पानी से सींचना चाहिए।
– इस महीने में पीपल के वृक्ष पर दूध चढ़ाना चाहिए।

ज्येष्ठ महीने के उपाय
– ज्येष्ठ महीने में पशु-पक्षी को जल पिलाएं।
– इस महीने में तिल का दान करें।
– इस महीने में हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाएं।
– इस महीने में भगवान विष्णु को पीले वस्त्र पहनाएं।
– ज्येष्ठ के महीने में कलश का दान करें।
– इस महीने में पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
– इस पवित्र महीने में तुलसी जी के पौधे को चुनरी उढ़ाएं।

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