माना जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा से जातक के जीवन में सुख- समृद्धि का आगमन होता है। वहीं बृहस्पतिवार पर कभी—कभी बनाने वाले किसी विशेष योग में कोई भी भक्त आसानी से भगवान विष्णु को प्रसन्न कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।
1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
2. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
3. ॐ विष्णवे नम:। पंचरूप मंत्र
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
– ॐ नारायणाय नम:
– ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
– ॐ आं संकर्षणाय नम:
– ॐ अ: अनिरुद्धाय नम: Must Read- परीक्षा के बाद महादेव ने दिया था भगवन विष्णु को सुदर्शन चक्र
भगवान विष्णु की पूजा विधि
बृहस्पतिवार को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान के पश्चात साफ कपड़े पहन लें। फिर एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या फोटो रख लें। अब विष्णु जी के को पीले फूल चढ़ाने के साथ ही उन्हें पीले रंग के फलों का भोग लगाएं। फिर भगवान विष्णु की पूजा करते हुए उन्हें दीप-धूप दिखाएं। और फिर विष्णु जी की आरती करें। ध्यान रखें गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा का खास महत्व है, इसलिए इस दिन केले के पेड़ की भी पूजा अवश्य करें।
गुरु दोष: कुंडली से करें दूर
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार गुरु ग्रह के कमजोर रहने पर सम परिस्थितियों में भी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में सामान्यत: गुरुवार के व्रत और उपाय किए जाते है।
जानकारों की मानें तो बृहस्पतिवार के दिन केले के पौधे में जल में हल्दी मिलाकर अर्घ्य चढ़ाना शुभ होता है। दरअसल केले के पौधे में श्री हरि का वास माना जाता है।
– इसके साथ ही गुरुवार के दिन नहाने के जल में हल्दी मिलाकर स्नान करते समय ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए। इस दिन माथे पर केसर से तिलक लगाने के अलावा सबसे पहले भगवान सूर्य नारायण को जल का अर्घ्य अवश्य देना चाहिए।
– कहा जाता है कि गुरु मजबूत करने के लिए ‘ॐ बृ बृहस्पते नमः’मंत्र का जाप गुरुवार के दिन करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
– बृहस्पतिवार के दिन गायत्री मंत्र के जाप के संबंध में माना जाता है कि यह गुरु दोष का प्रभाव कम करता है। साथ ही ऐसा करने से कॅरियर और कारोबार से जुड़ी समस्त परेशानियां दूर होती हैं।