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गरुड़ पुराण सुनने से मृतक की आत्मा को मिलती है शांति, जानें क्या है इसके पीछे की मान्यता

Garuda Purana: भगवान विष्णु की भक्ति और ज्ञान पर आधारित गरुड़ पुराण में मृत्यु के पहले और बाद की स्थितियों का वर्णन किया गया है। किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर घर में 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ रखने की मान्यता है।
 

Apr 26, 2022 / 02:24 pm

Tanya Paliwal

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गरुड़ पुराण सुनने से भी मृतक की आत्मा को मिलती है शांति, जानें क्या है इसके पीछे की मान्यता

Garuda Purana Path After Death: गरुड़ पुराण को विष्णु भगवान की भक्ति और उनके ज्ञान पर आधारित माना जाता है। गरुड़ पुराण पढ़ने से व्यक्ति को जीवन में अच्छे कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। वहीं माना जाता है कि गरुड़ पुराण पढ़ने से जीवन में सुखों की प्राप्ति होती है और मनुष्य के पापों का नाश होता है। इस पुराण में मरने के पहले और बाद की स्थितियों का गहराई से वर्णन किया गया है। वहीं भारतीय समाज में घर में किसी की मृत्यु होने पर 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ रखा जाता है, ताकि मृतक की आत्मा को शांति मिले। तो आइए जानते हैं मृतक को गरुड़ पुराण सुनाने से जुड़ी मान्यताओं के बारे में…

 

क्यों सुनाई जाती है मृतक को गरुड़ पुराण:

मान्यता है कि घर में किसी की मृत्यु होने के 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ रखना चाहिए, ताकि मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति प्राप्त हो और वह सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर स्वर्ग लोक सिधारे। गरुड़ पुराण का पाठ सुनने से मृत व्यक्ति की आत्मा प्रेत बनकर जमीन पर भटकती नहीं है।

सात हजार श्लोकों वाली गरुड़ पुराण सुनने से मृत व्यक्ति अपने जीवन के सभी दुखों को भुलाकर पितृ लोक में चला जाता है या फिर उसका दोबारा मनुष्य योनि में जन्म मिल जाता है। 13 दिनों तक मृतक की आत्मा पृथ्वी पर ही भटकती है। ऐसे में इस दौरान वह गरुड़ पुराण का पाठ सुनकर स्वर्ग और नर्क लोक, सद्गति, अधोगति एवं दुर्गति आदि के बारे में जानता है।

 

मृतक के परिजनों को भी मिलती है बहुत बड़ी शिक्षा:

घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु के 13 दिनों तक होने वाला गरुड़ पुराण का पाठ सुनने से मरने वाले के परिजनों को भी अच्छे कर्मों और सद्गति के बारे में सीख मिलती है। गरुड़ पुराण सुनकर वे लोग अपने द्वारा जीवन में किए जाने वाले कर्मों में सुधार कर सकें और मृत्यु पश्चात उन्हें भी उच्च लोक में स्थान मिले। गरुड़ पुराण में वैराग्य, सदाचार, ज्ञान, भक्ति, यज्ञ, तप, तीर्थ आदि सभी कर्मों से जुड़ी हुई बहुत सी बातों का सुंदर वर्णन मिलता है।

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