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विचार मंथन : जिस समाज के व्यक्तियों में भले विचार होंगे, वहाँ शांति व सुव्यवस्था अवश्य होगी- संत कबीर दास

जिस समाज के व्यक्तियों में भले विचार होंगे, वहाँ शांति व सुव्यवस्था अवश्य होगी- संत कबीर दास

Nov 29, 2018 / 05:26 pm

Shyam

Daily Thought Vichar Manthan

विचार मंथन : जिस समाज के व्यक्तियों में भले विचार होंगे, वहाँ शांति व सुव्यवस्था अवश्य होगी- संत कबीर दास

जिह्वा और कामेन्द्रिय की उत्तेजना को यदि साध लें तो स्वास्थ्य रक्षा की प्रक्रिया बड़ी आसानी से पूरी की जा सकती है । भोजन भूख मिटाने या शक्ति प्राप्त करने के लिए करते हैं, जीभ के स्वाद के लिए नहीं । भोगी व्यक्तियों की रुचि स्वादयुक्त व्यंजनों में बनी रहती है, किंतु संयमशील व्यक्ति का आहार केवल जीवन धारण किये रहने के लिए होता है, जिसमें स्वाद, चटपटे मसालों, विविध व्यंजनों की राई-रत्तीभर भी गुँजाइश नहीं होती । शराब, माँस और दूसरे मादक द्रव्यों का सेवन हानिकारक होता है । ये पदार्थ व्यक्ति की विवेक बुद्धि को समाप्त कर देते है ।


जो सदैव ईर्ष्या-द्वेष, परछिद्रान्वेषण के विचारों में डूबे रहते है, वे अकारण ही अपनी मानसिक शक्तियों का अपव्यय करते रहते हैं। उन्हें न तो किसी प्रकार का भौतिक सुख मिलता है, न आध्यात्मिक लाभ । सामाजिक-कलह अव्यवस्था का कारण भी ऐसे ही लोग होते है, जिनके विचार संयमित नहीं होते । इसलिए सदैव अपने दोषों को दूर करने का प्रयास करते रहना चाहिए ।

“बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।”
अर्थात- जब मैं इस संसार में बुराई खोजने चला तो मुझे कोई बुरा न मिला. जब मैंने अपने मन में झाँक कर देखा तो पाया कि मुझसे बुरा तो कोई नहीं है ।

 

शारीरिक और मानसिक शक्तियों का नियन्त्रण कर लें तो सामाजिक नियन्त्रणों की बात अपने आप पूरी हो जाती है । इन दोनों का मिश्रित रूप ही समाज की व्यवस्था का कारण बनता है। व्यक्ति से ही समाज बनता है। जिस समाज के व्यक्तियों में भले विचार होंगे, वहाँ शांति व सुव्यवस्था अवश्य होगी । अनियंत्रित स्वेच्छाचारी मनुष्य ही स्थान-स्थान पर कलह व कटुता उत्पन्न करते हैं । इसलिए जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में नियन्त्रण की आवश्यकता है, इसी से शक्ति सन्तुलन व सुव्यवस्था बनी रह सकती है । इस पुण्य प्रक्रिया का प्रारम्भ आत्म संयम से ही करना होगा । पीछे इसके लाभों को देखते हुए दूसरे भी चल पड़ेंगे, पर पहले हमें यह पग स्वयं बढ़ाना पड़ेगा ।

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