1. कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम॥
माना जाता है कि आपकी हथेलियों में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और सरस्वती मां का वास होता है। इसलिए इस मंत्र का जाप सुबह उठते ही अपनी हथेलियों के दर्शन करते समय करना चाहिए।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु
नहाने के दौरान आपके शरीर में मौजूद नकारात्मकता को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप करें और साथ ही पवित्र नदियों तथा तीर्थों का ध्यान करें। इस मंत्र का अर्थ है कि, हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी सभी नदियां! मेरे स्नान के दौरान इस जल में पधारें।
3. ऊं सूर्याय नम:।
स्नान आदि से निवृत्त होकर तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य देव को अर्पित करें और इस दौरान इस मंत्र का कम से कम 11 बार जप करें। सूर्य देव की कृपा से आपके कार्य सफल होंगे और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
4. ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवावहै। तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै।। ऊं शान्ति: शान्ति: शान्ति:।।
भोजन करने से पहले आपको अन्न प्रदान करने के लिए ईश्वर के प्रति धन्यवाद जताने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
5. जले रक्षतु वाराहः स्थले रक्षतु वामनः।
अटव्यां नारसिंहश्च सर्वतः पातु केशवः।।
रात को सोने से पहले इस मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप एक बार हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं। इस मंत्र के द्वारा आप ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि भगवान श्री हरि सभी दिशाओं से आपकी रक्षा करें।
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