मां ब्रह्मचारिणीः नवरात्रि के दूसरे दिन माता दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजी की जाती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माता ब्रह्मचारिणी को गुलदाउदी का फूल प्रिय है। दूसरे दिन की पूजा में माता को गुलदाउदी का फूल चढ़ाना चाहिए।
मां चंद्रघंटाः माता दुर्गा का तीसरा स्वरूप माता चंद्रघंटा हैं। नवरात्रि के तीसरे दिन इनकी पूजा की जाती है। इन्हें कमल और शंखपुष्पी का फूल प्रिय है। मान्यता है कि भक्त ये फूल मां को चढ़ाएं तो जल्द उन्हें प्रसन्न कर उनकी कृपा पा सकते हैं।
मां कूष्मांडाः माता दुर्गा का चौथा स्वरूप माता कूष्मांडा हैं। नवरात्रि में चौथे दिन इस स्वरूप की पूजा की जाती है। माता को पीले रंग का फूल प्रिय है। इसमें भी चमेली का फूल उनको सबसे अधिक पसंद है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माता कूष्मांडा की पूजा में चमेली के फूल जरूर चढ़ाना चाहिए और यह उपलब्ध न हो तो पीले रंग का ही फूल चढ़ाएं।
मां स्कंदमाताः माता दुर्गा का पांचवा स्वरूप मां स्कंद माता हैं। वात्सल्यमयी स्कंदमाता को पीले रंग का फूल प्रिय है। मान्यता है कि जो भक्त पांचवें दिन की पूजा में पीले रंग का फूल शामिल करते हैं, माता उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
माता काल्यायनीः मान्यता है कि माता कात्यायनी को गेंदे का फूल और बेर का फूल प्रिय है। इस स्वरूप की पूजा नवरात्रि के छठें दिन होती है। इनकी पूजा में गेंदे और बेर का फूल शामिल करने पर माता विशेष कृपा करती हैं।
मां कालरात्रिः माता कालरात्रि को नीले रंग के कमल का फूल प्रिय है, यदि यह फूल न मिले तो इन्हें नीले रंग का ही फूल चढ़ाएं। यह जल्दी प्रसन्न और रूष्ट होने वाला रूप है। इसलिए श्रद्धा से मां की पूजा करें। इस फूल से पूजा करने से मां की कृपा घर परिवार पर बनी रहती है।
मां सिद्धिदात्रीः इस स्वरूप को चंपा और गुड़हल का फूल प्रिय है। इन पुष्षों से नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।