scriptक्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया? सभी मांगलिक कार्यों के लिए खास इस तिथि का क्या है महत्व? | Akshaya Tritiya 2022: Why Is Celebrated? Know Its Significance | Patrika News
धर्म और अध्यात्म

क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया? सभी मांगलिक कार्यों के लिए खास इस तिथि का क्या है महत्व?

Akshaya Tritiya 2022 Significance: वैशाख मास की तृतीया तिथि को मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया को लेकर हिंदू धर्म में बहुत सी मान्यताएं हैं।

May 02, 2022 / 12:43 pm

Tanya Paliwal

why is akshaya tritiya celebrated, akshaya tritiya significance in hindi, akshaya tritiya story, akshaya tritiya ki hardik shubhkamnaye, अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है, अक्षय तृतीया का महत्व क्या है, अक्षय तृतीया 2022 शुभ मुहूर्त, akshaya tritiya 2022 date and time, akshaya tritiya 2022 what to buy, parshuram jayanti 2022, akha teej 2022, akha teej kab hai 2022, vishnu puja benefits, goddess lakshmi puja, कुबेर पूजा,

क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया? सभी मांगलिक कार्यों के लिए खास इस तिथि का क्या है महत्व?

Akshaya Tritiya 2022 Importance: हर साल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत खास महत्व रखता है। इस साल अक्षय तृतीया 3 मई को मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। साथ ही पुराणों में वर्णन मिलता है कि इस दिन किए गए मांगलिक कार्यों तथा दान-पुण्य का कई गुना शुभ फल प्राप्त होने की मान्यता है। इस तिथि को ‘आखातीज’ या ‘अक्षय तीज’ के नाम से भी जाना जाता है। तो अब आइए जानते हैं आखिर क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया और क्या है इस दिन का महत्व…

 

क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया: इस दिन को लेकर बहुत सी मान्यताएं हैं जिनमें शामिल हैं…

1. अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। क्योंकि मान्यता है कि इस दिन विष्णु भगवान के छठवें अवतार परशुराम भगवान का जन्म हुआ था। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और परशुराम जी की पूजा का खास विधान है।

 

2. भगवान भोलेनाथ ने इसी दिन माता लक्ष्मी के साथ कुबेर जी की पूजा करने का ज्ञान दिया था। जिसके बाद से आज तक अक्षय तृतीया के पवित्र दिन पर माता लक्ष्मी और कुबेर भगवान की पूजा की परंपरा चली आ रही है।

3. माना जाता है कि इस तिथि पर महर्षि वेदव्यास ने पांचवे वेद महाभारत को लिखना प्रारंभ किया था, जिसमें श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान भी मिलता है। इस कारण शुभ फलों की प्राप्ति के लिए श्रीमद्भागवत गीता के अठारहवें अध्याय का पाठ इस दिन करना चाहिए।

4. वहीं अक्षय तृतीया के दिन राजा भागीरथ द्वारा किए गए हजारों वर्षों के तप के फलस्वरूप गंगा माता स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। इसलिए इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

5. इसके अलावा बंगाल में इस खास दिन पर विघ्नहर्ता गणेश और धन की देवी मां लक्ष्मी का पूजन व्यापारियों द्वारा किया जाता है और साथ ही इस दिन व्यापारी नई लेखा-जोखा किताब की शुरुआत भी करते हैं।

अक्षय तृतीया का महत्व: इस दिन मांगलिक कार्यों का बड़ा महत्व बताया गया है। माना जाता है कि अक्षय तृतीया पर कम से कम एक गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अपने घर बिठाकर आदरपूर्वक भोजन कराना शुभ होता है। इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है और जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती।

साथ ही इस दिन शादी, सोना-चांदी, वाहन, भूमि आदि खरीदने, गृह प्रवेश, नया काम शुरू करना, मुंडन संस्कार जैसे कार्यों को करने के लिए कोई खास मुहूर्त की जरूरत नहीं होती क्योंकि ये दिन अपने आप में भी बहुत फलदायी माना जाता है।

यह भी पढ़ें

हस्तरेखा शास्त्र: हथेली में ऐसी रेखाओं का होना माना जाता है जीवन में एक के बाद एक आने वाली समस्याओं की वजह

Hindi News / Astrology and Spirituality / Religion and Spirituality / क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया? सभी मांगलिक कार्यों के लिए खास इस तिथि का क्या है महत्व?

ट्रेंडिंग वीडियो